Hindi Newsबिहार न्यूज़पटनाBihar gets 3496 crores in self-reliance plan

‘आत्मनिर्भर योजना में बिहार को मिले पूरे 3496 करोड़

राज्य में बिजली आपूर्ति सेवा बेहतर होने के कारण बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे आत्मनिर्भर भारत योजना में शत-प्रतिशत राशि मिल गई है। इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाSat, 27 March 2021 03:00 AM
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राज्य में बिजली आपूर्ति सेवा बेहतर होने के कारण बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे आत्मनिर्भर भारत योजना में शत-प्रतिशत राशि मिल गई है। इस योजना के तहत केंद्र से बिहार को दो किस्तों में कुल 3496 करोड़ मिलने थे। इसमें आधी राशि 1748 करोड़ पहले ही मिल चुके थे। केंद्र सरकार ने राज्य की बिजली आपूर्ति सेवाओं को बेहतर देख बाकी बची आधी राशि यानी 1748 करोड़ भी जारी कर दी है। ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने इस राशि के मिलने पर केंद्र सरकार का आभार जताया है।

कंपनी अधिकारियों के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बिजली कंपनियों को कर्ज देने की बात कही थी। इसके तहत राज्यों को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड से कर्ज देने पर सहमति जताई थी। बिहार की बिजली कंपनी ने केंद्र सरकार को बिहार में हुए उल्लेखनीय उपलब्धियों पर विस्तार से जानकारी दी। केंद्र ने बिहार के टैरिफ मॉडल की सराहना करते हुए माना कि राज्य में उपभोक्ताओं के खाते में सीधे नकदी (डीबीटी) दी जा रही है। बिजली की औसत खरीद दर और आपूर्ति के बीच आने वाले अंतर को कंपनी ने कम किया। साथ ही संचरण-वितरण के अन्य कामों की भी केंद्र ने सराहना की। इसी के आधार पर केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बकाया राशि 1748 करोड़ जारी कर दी। इसके साथ ही बिहार पहला राज्य बन गया है जिसने बिजली के क्षेत्र में हुए सुधारों के दम पर इस योजना की पूरी राशि प्राप्त कर ली है।

वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं को और बेहतर सेवा देने के लिए कंपनी दूसरे स्रोतों से भी और कर्ज ले सकेगी। केंद्र सरकार ने इसकी भी सहमति दे दी है। चूंकि गांव-गांव बिजली पहुंचाने के बाद सभी इच्छुक उपभोक्ताओं को कनेक्शन दे रखी कंपनी अब गुणवत्तापूर्ण बिजली देने पर काम कर रही है। इसी के तहत कंपनी ने केंद्र को किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा पेश किया। सुधार को लेकर पूछे गए तमाम सवालों का जवाब लेने के बाद बिजली कंपनी ने बिहार को 1292 करोड़ अतिरिक्त कर्ज लेने की सहमति दे दी। यह राशि वित्त विभाग की उस एफआरबीएम एक्ट के अतिरिक्त होगी जिसमें कर्ज लेने की सीमा तय होती है।

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