पीरपैंती में 24 सौ मेगावाट का ताप बिजली घर बनेगा
बिहार के पीरपैंती में सौर ऊर्जा के स्थान पर ताप विद्युत परियोजना को मंजूरी मिली है। यह परियोजना 2400 मेगावाट की क्षमता के साथ 800 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण करेगी। इससे राज्य की विद्युत उत्पादन...
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भागलपुर के पीरपैंती में सौर ऊर्जा के स्थान पर ताप बिजली घर बनने का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। पीरपैंती में 800 मेगावाट की तीन इकाई (2400 मेगावाट) का निर्माण पहले से अधिग्रहित जमीन पर ही होगा। यह परियोजना टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी टेंडर (टीबीसीबी) के तहत क्रियान्वित की जाएगी।
नोडल एजेंसी बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को बनाया गया है। राज्य सरकार जल्द ही इस परियोजना का टेंडर करेगी। पीरपैंती बिजली घर के शुरू होने से राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। बिजली कंपनी की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार पहले इस भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना की योजना थी, लेकिन विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन में पाया गया कि पीरपैंती का भू-भाग सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए उपयुक्त नहीं है। तब यहां ताप विद्युत परियोजना की संभावनाओं पर काम शुरू हुआ। इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने इस परियोजना की सहमति दी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 के केंद्रीय बजट में इस परियोजना के लिए 21,400 करोड़ की घोषणा की। इसी बीच नौ सितंबर 2024 को नई दिल्ली में विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद बीएसपीजीसीएल ने सलाहकार नियुक्त कर इसका अध्ययन कराया। इसमें 800 मेगावाट की तीन इकाई बनने पर मुहर लगी। बीते 3 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में हुई बैठक में विद्युत मंत्रालय ने इस प्रस्ताव की औपचारिक रूप से मंजूरी दी।
वहीं बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में 31 जनवरी 2025 को हुई बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि पीरपैंती बिजली घर अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगी। टैरिफ आधारित निविदा अपनाई जाएगी जिससे राज्य के लोगों को उचित दर पर बिजली मिलेगी। इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी सृजित होंगे।
पीरपैंती में ताप विद्युत परियोजना की स्थापना से राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह परियोजना न केवल राज्य के औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि बिहार को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री, बिहार
कजरा के लिए बाजार से ऋण लेने की मंजूरी
पटना। राज्य कैबिनेट ने लखीसराय के कजरा में बन रही सोलर परियोजना के लिए बाजार से ऋण लेने की मंजूरी दे दी है। कजरा में 116 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता के साथ 241 एमडब्ल्यूएच बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली विस्तार परियोजना पर 1055.72 करोड़ खर्च होने हैं। इसमें से 80 फीसदी 844.58 करोड़ राज्य सरकार की गारंटी पर वित्तीय संस्थाओं से ऋण स्वरूप प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई। जबकि 20 फीसदी यानी 211.14 करोड़ रुपए पूंजीगत निवेश के रूप में उपलब्ध कराने की मंजूरी दी गई।
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