Hindi NewsBihar NewsPatna News500-Year-Old Mahavat Tree Found in Aurangabad Bihar Government to Preserve Heritage Trees

विरासत वृक्षों की पहचान के लिए विकसित होगा एप

हाल ही में औरंगाबाद में 500 वर्ष पुराना महा वटवृक्ष मिला है। बिहार सरकार के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इसे संरक्षित करने की घोषणा की है। एक एंड्रॉयड ऐप लॉन्च होने जा रहा है, जिससे लोग विरासत के पेड़ों...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाMon, 13 Jan 2025 09:26 PM
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हाल ही में औरंगाबाद में 500 वर्ष पुराना महा वटवृक्ष पाया गया है। बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री डॉ़ प्रेम कुमार ने इसे संरक्षित करने की घोषणा की है। ताकि प्रकृति की यह देन आगे आने वाले समय में भी सुरक्षित और रोग मुक्त रहे। बिहार सरकार ने विरासत के पेड़ों को बचाने की पहल की है। एक एंड्रॉयड मोबाइल एप लॉन्च किया जाना है। अगल एक महीने में यह एप तैयार हो जाएगा। आम लोग अथवा जन प्रतिनिधि इस ऐप की को डाउनलोड कर इस पर अपने जिले, मोहल्ले, पंचायत, ब्लॉक आदि के विशिष्ट वृक्ष की तस्वीरें जीपीएस लोकेशन के साथ डाल सकते हैं। बिहार राज्य जैव विविधता बोर्ड के उपाध्यक्ष मिहिर झा ने बताया कि एप के साथ साथ बीएसबीबी को भी इसकी सूचना दे। दोनों ही जगह सूचना मिलने पर सारी जानकारियों को इकट्ठा किया जाएगा। बिहार राज्य जैव विविधता बोर्ड उसकी भौतिक वेरिफिकेशन करेगी। जानकारी सही होने और इन वृक्ष में असल मे विशिष्टता पाए जाने पर उन्हें विरासत वृक्ष की सूची में शामिल किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2022 में भी बिहार राज्य जैव विविधता बोर्ड की तरफ से बिहार हेरिटेज ट्री एप लॉन्च किया गया था, इसमें बीएसबीबी ने लोगों से राज्य के उन पेड़ों की जानकारी, स्थान और तस्वीरें डालने को कहा था जो कम-से-कम 50 साल पुराने हैं, लेकिन राज्य भर में आम लोगों को इस ऐप के बारे में जागरूक होने और ऐसे पेड़ों के बारे में विवरण दर्ज करने में एक वर्ष से अधिक का समय लग गया। और मात्र 15000 ही प्रविष्टियां आईं।

उपाध्यक्ष मिहिर झा ने बताया कि विरासत वृक्ष का दर्जा पाने के लिए उम्र ही एकमात्र मापदंड नहीं है। इसके अलावा कद, क्षेत्र, क्राउन आदि में विशिष्टता भी विरासत वृक्ष प्रदान करा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछली बार ज्यादातर प्रविष्टियां पश्चिमी चंपारण से आई थी। इसके अलावा बाकी जगहों से 100 से भी कम प्रविष्टियां आई थी। इसलिए हमने इसकी दूसरी पारी शुरू करने का सोचा है। सिर्फ एप बनाने से नहीं होगा इसलिए इस बार हम पूरी जागरूकता के साथ इसे लाएंगे। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो और वे इसे इस्तेमाल कर सकें।

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