Hindi Newsबिहार न्यूज़Patna High court reinstated CRPF Jawan who dismissed to taken leaves for mother cancer treatment

CRPF से बर्खास्त जवान की नौकरी हाईकोर्ट से बहाल, मां के इलाज के लिए छुट्टी पर गया था

सीआरपीएफ में कांस्टेबल पद पर तैनात सुमित कुमार ने अपनी मां के कैंसर के इलाज के लिए बिना स्वीकृति के छुट्टियां ली थीं, इस वजह से उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। अब पटना हाई कोर्ट ने उनकी सेवा फिर से बहाल करने का आदेश दिया है

हिन्दुस्तान टाइम्स पटनाWed, 14 Aug 2024 03:14 PM
share Share

पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान सुमित कुमार की सेवा बहाल करने का आदेश दिया है। जवान ने अपनी कैंसर पीड़ित मां के इलाज के लिए अनौपचारिक रूप से छुट्टी ले ली थी। इस वजह से उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ सुमित की ओर से लेटर्स पेटेंट अपील (एलपीए) दायर की गई। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस आलोक कुमार पांडे की बेंच ने एकल पीठ के आदेश को खारिज कर दिया और सुमित कुमार की सेवा फिर से बहाल करने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि जवान सुमित कुमार ने जो अनौपचारिक छुट्टियां ली हैं, उसके लिए उनके खाते में जमा छुट्टियों को एडजस्ट किया जाए। अगर जुर्माना लगाना भी है तो बहुत कम लगाया जाए। अदालत ने तीन महीने के भीतर इस आदेश को अमल में लाने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने माना कि मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान रखते हुए याचिकाकर्ता की ड्यूटी से अनुपस्थिति की तुलना उस कर्मचारी से नहीं की जा सकती जो अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कहा जाता है।

पटना हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता के पास अपनी पोस्टिंग वाली जगह का उचित कारण था। इस परिस्थिति में हमें सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। अदालत ने बटालियन कमांडेंट द्वारा पारित बर्खास्तगी आदेश, अपीलीय आदेश और संशोधन आदेश को भी रद्द कर दिया। बता दें कि सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात सुमित कुमार ने 14 मई 2012 को छुट्टी के लिए आवेदान किया था। उन्होंने आवेदन में बताया था कि उनकी मां को कैंसर हो गया है और उनके इलाज के लिए छुट्टी चाहिए। 21 मई को उन्हें यूनिट मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था। तीन दिन बाद पता चला कि सुमित कुमार बिना किसी स्वीकृत छुट्टी के ही मुख्यालय छोड़कर चले गए।

उन्होंने डाक सेवा के माध्यम से अपनी छुट्टी बढ़ाने के लिए अलग-अलग तारीखों में एप्लीकेशन भेजी थी। मगर बटालियन ने उन्हें 26 अक्टूबर 2013 को भगोड़ा घोषित कर सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके खिलाफ सुमित कुमार ने अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील की, लेकिन इसे 3 मार्च 2014 को खारिज कर दिया गया। पुनरीक्षण अपील का भी यही हश्र हुआ। थक हारकर बर्खास्त जवान ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, अदात की एकल पीठ ने भी उनकी अपील खारिज कर दी। इसके बाद 2019 में एक एलपीए दायर किया, जिसकी सुनवाई डबल बेंच ने की।

अगला लेखऐप पर पढ़ें