बिहटा एयरपोर्ट के लिए 191 एकड़ जमीन की तलाश, DM ने बनाई कमेटी; भूमि अधिग्रहण पर सौंपेगी रिपोर्ट
Bihta Airport: बिहटा एयरपोर्ट के लिए पहले ही 108 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं अतिरिक्त 8 एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराई गई है। टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य समय से शुरू हो जाएगा।
बिहटा एयरपोर्ट (Bihta Airport) के लिए 191 एकड़ जमीन की और जरूरत है। डीएम की ओर से गठित कमेटी इस माह के अंत तक रिपोर्ट सौंपेगी कि किस इलाके में भूमि का अधिग्रहण किया जाए। मंगलवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बिहटा एयरपोर्ट विस्तारीकरण योजना की समीक्षा की और कमेटी में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिया कि जमीन चिह्नित करने के लिए इलाके का निरीक्षण करें। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बिहटा हवाई अड्डे पर सिविल इन्क्लेव का निर्माण जनहित की एक महत्वपूर्ण परियोजना है।
इससे यात्रियों को आवागमन में काफी सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार के निर्देश के अनुरूप जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए सभी सहयोग प्रदान किया जाएगा। रन-वे की लंबाई 8 हजार फीट से बढ़ाकर 12 हजार फीट किया जाना है। इसके लिए 400 मीटर लंबी तथा 1500 मीटर चौड़ी भूमि की आवश्यकता है।
इसके लिए 191 एकड़ जमीन की खोज की जा रही है। भूमि की उपलब्धता के लिए एक बहु-सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। इसमें अपर समाहर्ता, सहायक महाप्रबंधक भूमि प्रबंधन (पटना हवाई अड्डा), जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता (दानापुर), अंचल अधिकारी (बिहटा) और नगर कार्यपालक पदाधिकारी (बिहटा) सदस्य के तौर पर शामिल हैं। भूमि की उपलब्धता के लिए टीम द्वारा इस इलाके का अध्ययन किया जा रहा है।
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनने का हो रहा है प्रयास
जिलाधिकारी ने कहा कि जनहित के दृष्टिकोण से सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प को चुनने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। समिति को विस्तृत अध्ययन के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। बिहटा एयरपोर्ट के लिए पहले ही 108 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं अतिरिक्त 8 एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराई गई है। टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य समय से शुरू हो जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि लगभग 191 एकड़ जमीन खोजने की प्रक्रिया के कारण टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी। दोनों समानांतर रूप से चलता रहेगा। जो भी समस्याएं आ रही हैं उसका जिला प्रशासन की ओर से तेजी से समाधान किया जा रहा है।