बिहार में 1.07 करोड़ बच्चों के पैरेंट्स को नहीं अपार कार्ड में दिलचस्पी; स्कूल भी सुस्त, 62% टारगेट बाकी
राज्य में 2024 तक 66 लाख 89 हजार 812 बच्चों का ही अपार कार्ड राज्य में बनाया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यभर में 9 और दस दिसंबर को मेगा अपार दिवस मनाने का निर्देश भी दिया था। इसके बाद भी राज्य में 1 करोड़ 7 लाख 36 हजार 312 बच्चों का अपार कार्ड बनना शेष है
राज्यभर में एक करोड़ 74 लाख 26 हजार 681 बच्चों का अपार कार्ड बनना है। 30 दिसंबर, 2024 तक 66 लाख 89 हजार 812 बच्चों का ही अपार कार्ड राज्य में बनाया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यभर में 9 और दस दिसंबर को मेगा अपार दिवस मनाने का निर्देश भी दिया था। इसके बाद भी राज्य में एक करोड़ 7 लाख 36 हजार 312 बच्चों का अपार कार्ड बनना शेष है। वहीं 9557 अभिभावकों ने सहमति पत्र भरकर जमा किया है। अपार कार्ड बनाने के लिए स्कूलों की ओर से अभिभावकों को सहमती प्रपत्र दिया गया है।
इसमें अभिभावकों को स्कूलों को उनके बच्चे के अपार कार्ड बनाने की सहमती देनी है। लेकिन, अभिभावक इसके प्रति रुचि नहीं दिखा रहे। स्कूलों को भी इसके फायदे के बारे में बताने के लिए शिक्षक-अभिभावक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन स्कूल प्रशासन की सुस्ती के कारण यह नहीं हो पा रहा है। इससे इतने बच्चों का अपार कार्ड अब तक नहीं बन पाया है।
अपार निर्माण का औसत प्रतिशत अब 38.39% हुआ
दूसरी ओर 66 लाख 89 हजार बच्चों के अभिभावकों ने अपनी रुचि दिखाते हुए स्कूल से उन्हें दिए गए सहमति पत्र को भरकर समय पर जमा कर दिया। आंकड़ों के मुताबिक 1 दिसंबर तक अपार कार्ड बनाने में जहां राज्य का औसत प्रतिशत 6% दर्ज किया गया था। वहीं, अब यह बढ़कर 38.39 प्रतिशत हो चुका है।
क्या है अपार कार्ड
अपार आईडी ‘स्वाचालित स्थायी शैक्षणिक खाता पंजीकरण’ (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) 12 अंकों की पहचान प्रणाली है। यह सरकार की ओर से शुरू किए गए वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी कार्यक्रम का हिस्सा है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किया गया है। जैसे हर नागरिक का आधार कार्ड है और यूनिक आधार नंबर है, उसी तरह हर विद्यार्थी का अपार आईडी होगा। इसके यूनिक अंक को डालते ही विद्यार्थी का शैक्षणिक ब्योरा सामने आ जाएगा। इसमें विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा की पूरी जानकारी होगी। उनका नाम, डिग्री, मार्कशीट आदि की जानकारी डिजिटल रूप में रहेगी।
ये होंगे इसके फायदे
विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा और उपलब्धियों का रिकॉर्ड एक जगह पर सुरक्षित और संग्रहित रहेगा
किसी संस्थान में प्रवेश या नौकरी के समय एक क्लिक पर सारे रिकॉर्ड आ जाएंगे सामने
विद्यार्थियों को अपने साथ शैक्षणिक दस्तावेजों को हर जगह लेकर चलने की जरूरत नहीं रहेगी
इन पांच जिले में अब तक सबसे अधिक अपार कार्ड बने
वैशाली- 380470
समस्तीपुर- 336224
मुजफ्फरपुर-334242
पश्चिम चंपारण- 287373
पूर्णिया- 264868