पप्पू यादव को कांग्रेस में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी? झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव में करेंगे प्रचार
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पप्पू यादव को पत्र लिखकर बताया है कि पार्टी आलाकमान ने उनकी झारखंड और महाराष्ट्र में प्रचार करने का अनुरोध मान लिया है।
बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को कांग्रेस पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वे झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करेंगे। इस संबंध में खुद पप्पू यादव ने कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखा था। इसे आलाकमान ने हरी झंडी दे दी है। इस बात की पुष्टि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने की है। उन्होंने पप्पू यादव से झारखंड और महाराष्ट्र में उनके प्रस्तावित दौरे की जानकारी भी मांगी है।
केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को पप्पू यादव को लिखे पत्र में कहा कि सांसद ने कांग्रेस आलाकमान से दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार करने की इच्छा जताई थी। इसके मद्देनजर सांसद को इसका जवाब दिाय गया है। उन्होंने पप्पू यादव से अपने दौरे का कार्यक्रम भी साझा करने को कहा गया है। ताकि वहां के स्थानीय नेताओं के साथ बात करके उनकी रैली के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सके। कांग्रेस महासचिव ने इस सामूहिक मिशन को मजबूत करने में सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा जताई है।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आए थे पप्पू यादव, टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़े
पप्पू यादव की गिनती बिहार के उन चुनिंदा दबंग लोगों में होती है जो बाहुबली से नेता बने हैं। एक समय था जब कोसी और सीमांचल में पप्पू यादव की तूती बोलती थी। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हुए और जेल भी गए। राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने अपनी छवि को बदलने के कई प्रयास किए। वे छह बार सांसद रह चुके हैं। इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था।
लोकसभा चुनाव 2024 में पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ना चाहते थे। मगर लालू एवं तेजस्वी यादव की आरजेडी ने यह सीट अपने अपने खाते में ले ली। ऐसे में पप्पू यादव ने निर्दलीय ही चुनावी मैदान में ताल ठोक दी। नतीजा यह रहा कि पप्पू यादव पूर्णिया से जीत गए और आरजेडी की कैंडिडेट रहीं बीमा भारती को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। पार्टी लाइन से हटकर चुनाव लड़ने के बाद भी पप्पू यादव ने कांग्रेस के प्रति अपना समर्पण जारी रखा। वे अक्सर राहुल गांधी को अपना नेता मानते हुए कांग्रेस की नीतियों का समर्थन करते हुए नजर आते हैं। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।