अगले पांच दिनों में हो सकती है हल्की बारिश, मेघगर्जन व वज्रपात भी
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। अप्रैल माह से ही धरती तपने लगी है। इस कारण बेतरह गर्मी सता रही है।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। अप्रैल माह से ही धरती तपने लगी है। इस कारण बेतरह गर्मी सता रही है। लेकिन अगले पांच दिनों अर्थात 07 अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच जिले के एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश की भी संभावना जताई जा रही है। इस क्रम में मेघगर्जन और वज्रपात की भी आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि इस बीच भी अधिकतम तापमान में क्रमिक वृद्धि जारी है। इसका नजारा रविवार को भी रहा। 40 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान और 22 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान ने हालिया दिनों की विभीषिका से परिचित करा दिया है। बदलते मौसम को लेकर मौसम विभाग ने सावधानी बरतने का अलर्ट जारी किया है। 07 से 11 अप्रैल के दौरान प्रदेश मे वर्षा की गतिविधि का पूर्वानुमान एवं 07 से 09 अप्रैल के दौरान ओलावृष्टि एवं मेघगर्जन तथा वज्रपात के साथ तेज हवा के लिए चेतावनी जारी की गयी है। रविवार के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषण के अनुसार, कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ एक गर्त के रूप में पश्चिमी हवाओं में अक्षांश 25 डिग्री उत्तर एवं देशांतर 85 डिग्री पूर्व मे बना हुआ है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी हवा में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। 08 अप्रैल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। वर्षा, मेघगर्जन, वज्रपात व आंधी के लिए चेतावनी जारी कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि मौसमी घटकों एवं प्रदेश में पूर्वी हवा का प्रवाह सक्रिय होने से राज्य में आद्रता में वृद्धि होने से 07 से 11 अप्रैल के दौरान बिहार के मौसम में परिवर्तन होने के कारण प्रदेश के एक या दो स्थानों में हल्की से मध्यम वर्षा की प्रबल संभावना है। इस अवधि के दौरान उत्तर-मध्य एवं उत्तर-पूर्व बिहार के अधिकांश जिलों के कुछ स्थानों मे वर्षा (10-30 मी.मी.) के साथ बिहार राज्य के एक या दो स्थानों में मेघगर्जन, वज्रपात एवं सतही हवा की गति झोंको के साथ 40-50 कि.मी. प्रति घंटे रहने की भी संभावना है। ----------------- मौसम के संभावित प्रभाव : वज्रपात से जान माल एवं पशु-हानि की संभावना। आंधी, वज्रपात या ओलावृष्टि से खड़ी फसलों और फलदार वृक्षों को नुकसान। झुग्गी-झोपड़ी, टिन की छप्पर और कच्चे मकानों को नुकसान। ------------------- क्या करें और क्या न करें: बिजली चमकने या गरगराहट की आवाज सुनाई देने पर किसान व नागरिक पक्के घर में शरण लें। पेड़ों के नीचे और विशेष रूप से अलग-थलग पेड़ों के नीचे शरण न लें क्योंकि यह विद्युत के सुचालक होते हैं। खराब मौसम के दौरान कृषि कार्य को स्थगित करें व मौसम साफ होने के बाद ही कृषि कार्य करें।
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