कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चे हो रहे हैं विभिन्न रोगों के शिकार
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। हालिया दिनों में कमजोर इम्युनिटी बच्चों की सेहत का दुश्मन बनी हुई है। इसका शिकार होकर बच्चे न केवल एलर्जी व त्वचा रोग बल्कि ऑटो इम्यून बीमारियों का शिकार होकर अस्पताल...
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। हालिया दिनों में कमजोर इम्युनिटी बच्चों की सेहत का दुश्मन बनी हुई है। इसका शिकार होकर बच्चे न केवल एलर्जी व त्वचा रोग बल्कि ऑटो इम्यून बीमारियों का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इन दिनों सरकारी अस्पतालों के ओपीडी से लेकर निजी अस्पतालों में बीमार बच्चों की संख्या इसकी गवाही दे रही है। कमजोर इम्युनिटी के कारण न केवल बीमारियां बच्चों को लम्बे समय तक सता रही हैं, बल्कि उनके इलाज पर होने वाला खर्च भी बढ़ गया है। बच्चों के इलाज में उनके अभिभावक एलोपैथ के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का भी सहारा ले रहे हैं। हालिया दिनों में सदर अस्पताल की ओपीडी में औसतन 700 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। बुधवार को यह संख्या 758 रही। अमूमन इनमें से 150 से अधिक बीमार बच्चे पहुंच रहे हैं। इन बच्चों में ऑटो इम्यून बीमारियों से ग्रसित लगभग एक सौ बच्चे शामिल रह रहे हैं। बुधवार को इनकी संख्या 91 रही। बच्चों में त्वचा संबंधी रोगों की संख्या बढ़ी कोरोना काल के बाद से हर उम्र के लोगों में ऑटो इम्यून विकार, श्वसन तंत्र, एलर्जी संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.अजय कुमार बताते हैं कि इसके अलावा त्वचा संबंधी बीमारियों की संख्या भी बढ़ी है। बच्चों में त्वचा संबंधी समस्या भी काफी ज्यादा देखी जा रही है। उन्हें तब अस्पताल लाया जा रहा है, जब बीमारी गंभीर रूप धारण कर चुकी होती है। कई बच्चों में तो त्वचा रोग जटिल समस्या तक पहुंच गई है। ऐसे बच्चों को इन समस्याओं से छुटकारा पाने में छह माह से लेकर एक साल तक का वक्त लग जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद विभिन्न कारणों से एंटीबॉडी अनियंत्रित हो रही हैं। इससे इम्युनिटी पर विपरीत असर पड़ रहा है। जंक फूड व तनाव हैं ऑटो इम्यून बीमारियों की वजह अमूमन बच्चों को बुखार, खांसी व श्वसन संबंधी समस्याओं से पांच से दस दिन में राहत मिल जाती है। लेकिन वर्तमान में उन्हें ठीक होने में 10 से 15 दिन तक का समय लग रहा है। डॉ.अजय कुमार बताते हैं कि यहां तक कि कई मामले में तो खांसी से निजात पाने में एक से दो महीने तक का वक्त लग जा रहा है। इस तरह का मामला त्वचा रोग के मरीज बच्चों में देखा जा रहा है। इन सबके पीछे की वजह कमजोर इम्युनिटी को माना जा रहा है। कमजोर इम्युनिटी के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो कर रह गई है। स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ आहार जरूरी ऑटो इम्यून बीमारियों की वजह कोरोना काल में बदली जीवन शैली, स्टेरॉयड दवाओं का जरूरत से ज्यादा सेवन के अलावा जंक फूड, मौसम में बदलाव, एलर्जी, तनाव आदि हैं। चिकित्सक बताते हैं कि इन रोगों से बचने के लिए स्वस्थप्रद जीवन शैली के साथ-साथ हेल्दी आहार को अपनाना होगा। साथ ही हर रोज एक्सरसाइज करने की आदत डालनी होगी। बड़ों के साथ ही बच्चों को भी जीवन शैली और खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि हालिया दिनों में देखा गया है कि कम उम्र के बच्चे भी बड़ों वाली बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
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