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वार्ड 13 में नल-जल की स्थिति खराब, चापकल का भी साथ नहीं

नवादा नगर परिषद के वार्ड नंबर 13 में पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है। मिर्जापुर, महादलित टोला, सूर्य मंदिर आदि मोहल्लों में नल-जल की व्यवस्था ठीक नहीं है। ठंड में भी पानी की किल्लत है, और गर्मियों में...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाWed, 19 Feb 2025 02:57 PM
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वार्ड 13 में नल-जल की स्थिति खराब, चापकल का भी साथ नहीं

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा नगर परिषद के वार्ड नंबर 13 के लोग नल-जल की बेहतर व्यवस्था नहीं रहने के कारण पेयजल की परेशानी से दो-चार होने को बाध्य हैं। यह संकट दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। वार्ड स्थित मिर्जापुर, मिर्जापुर महादलित टोला, सूर्य मंदिर और ननौरा रोड आदि प्रमुख मोहल्ले एकसमान नल-जल की समस्या झेल रहे हैं। यह समस्या पेयजल की किल्लत का कारण बनी रहती है। कमोबेश लगभग सम्पूर्ण वार्डवासियों को पेयजल के संकट से जूझने की नौबत बनी हुई रहती है। परेशानी का सबब तो यह है कि पेयजल की समस्या ठंड के इस मौसम में भी बनी हुई है जबकि गर्मी में तो यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। मुश्किल यह भी है कि इसका समाधान स्थायी रूप से निकल नहीं पा रहा है। नल-जल की समस्या एक अलग ही समस्या का कारण बन रही है। नल-जल की पाइपलाइन बिछाने के क्रम में सड़कें तोड़ दिए जाने से भी परेशानी बनी रहती है। हालांकि इस वार्ड के लिए एक अच्छी बात यह है कि यहां नली-गली की स्थिति ठीकठाक है। स्थानीय वार्ड पार्षद गीता देवी ने अपने फंड का भरपूर सदुपयोग इस योजना पर किया है, जिसका लाभ दिखाई भी पड़ता है। इसके अलावा वार्ड में अन्य कई मूलभूत समस्याएं हैं, जिसे झेलने की नौबत बनी रहती है। हालांकि इन समस्याओं से जूझने की स्थिति के बीच भी संतोष की बात यह है कि वार्ड पार्षद के फंड से विकास कार्य निरंतर कराए जा रहे हैं। बस बड़े फंड की आवश्यकता वाले विकास कार्य इस वार्ड में भी बाधित हैं। वार्ड का कायाकल्प किया जाना अब भी है शेष नवादा शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर 13 के विभिन्न मोहल्ले में जल निकासी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण यह परेशानी बनी हुई है। हालांकि यहां से खुरी नदी बेहद करीब है लेकिन तमाम बाधाओं के कारण सभी मोहल्लों से नाले की निकासी नदी तक कर पाना संरचनागत दिक्कतों के कारण संभव नहीं हो पा रहा है। खुरी नदी तक पहुंचने में कई स्थानों पर ऊंचाई के कारण मुश्किलों का सामना करने की नौबत बनी हुई है। ऐसी कई मुश्किलें सामने रहने से अब भी विकास की राह इस वार्ड से हो कर पूरी तरह से नहीं गुजर पा रही है। लोग अपने जनप्रतिनिधि की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं लेकिन उनकी कोशिशों के बावजूद पूरी तरह से बात बन नहीं पा रही है। वार्ड पार्षद के फंड से कुछेक जरूरतों की पूर्ति जरूर की गई है लेकिन वार्ड का सम्पूर्ण कायाकल्प होने में अभी काफी देर लगने की संभावना बन रही है। वार्ड पार्षद गीता देवी कहती हैं कि निजी फंड से नाली निर्माण और गली में सोलिंग तथा पेवर ब्लॉक आदि के कार्य कराए गए हैं जबकि अब भी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिसके चयनित होने के बाद निर्माण कार्य की गति बढ़ सकेगी। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि जल निकासी से जुड़े कुछ कार्य ऐसे हैं, जिसे राज्य मद से कराए जाने को लेकर सूचीबद्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। बोर्ड की बैठक के क्रम में इसे चिह्नित करने की पहल होगी ताकि स्वीकृति के बाद इस दिशा में कुछ सार्थक हो सके। विभागीय समर्थन की रहती है प्रतीक्षा वार्ड पार्षद ने कार्यों की बाधा के लिए विभागीय शिथिलता को कोसते हुए कहा कि मेरी कोशिशें जारी हैं लेकिन कई बार फंड की प्राप्ति में परेशानी उठानी पड़ती है। वार्ड में स्थित चार आंगनबाड़ी केन्द्रों में से किसी का भी अपना भवन नहीं रहना वार्ड पार्षद भी परेशानी का सबब मानती हैं। इसीलिए वह कहती हैं कि आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए सरकारी जमीन की अनुपलब्धता का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकारी जमीन की कमी के कारण सामुदायिक भवन अथवा सामुदायिक शौचालय आदि भी जमीन पर नहीं उतर पा रहे हैं। नल-जल के लिए स्वयं के स्तर पर प्रयास कर रहा हूं लेकिन संकट का समाधान नहीं निकल पा रहा है। नल-जल क्षतिग्रस्त है। गर्मी के दिनों में काफी परेशानी होती है। सबसे बड़ी समस्या पेयजल की किल्लत दूर करने के लिए विभिन्न माध्यमों से शिकायती आवेदन दिया गया है। अपने ईमानदार प्रयास से वार्ड की सूरत बदलने की कवायद जारी रहने का दावा स्थानीय वार्ड पार्षद करती हैं। अच्छा यह है कि स्थानीय निवासी उनका समर्थन करते दिखते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतरी की है जरूरत वार्ड में शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था की बेहतरी की जरूरत है। होने को तो वार्ड में एक नव सृजित सरकारी प्राथमिक विद्यालय है लेकन उच्च शिक्षण संस्थान का अभाव बच्चों और उनके अभिभावकों को जरूर खटकता है। वार्ड में एक मिनी स्वास्थ्य केंद्र भी है मगर इसकी व्यवस्था ठीक नहीं रहने से इसका लाभ पूरी तरह से लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इन दोनों अनिवार्य जरूरतों की समेकित पूर्ति की दिशा में कुछ भी सार्थक नहीं हो पाना आम लोगों के लिए निराशाजनक साबित हो रहा है। ---------------------- वार्डवासियों के बोल : वार्ड पार्षद के प्रयास दिखते हैं। दो सालों में कई कार्य कराए गए हैं। लेकिन अब भी कई मुख्य कार्य बाधित हैं, जिससे निराशा है। पेयजल की दिक्कत का समाधान एकदम जरूरी है। -मनीष सिंह, वार्डवासी। पीसीसी और गली-नाली का कार्य बेहतर तरीके से कराए गए हैं। इसे विस्तार देने की अब भी जरूरत है। इस अहम जरूरत को समझा जाए। फंड की परेशानी का समाधान निकले। -राहुल कुमार, वार्डवासी। नल-जल का पानी नहीं आता। यह बहुत बड़ी परेशानी है। तकनीकी बाधा है लेकिन इसे दूर करना नगर परिषद की जिम्मेदारी है जबकि वार्ड पार्षद को इस कार्य को प्राथमिकता देनी होगी। -दीपक कुमार, वार्डवासी। सरकारी जमीन नहीं रहने का नुकसान वार्ड को हो रहा है और नए निर्माण की बाधा बनी हुई है। पार्षद के स्तर से प्रयास जारी हैं। पर वार्ड को सारी समस्याओं से निजात दिलाना जरूरी है। -गोपी कुमार, वार्डवासी। ----------------------- वर्जन : हर घर तक पीसीसी का काम कराना व हर घर तक नाली-गली का काम पूरा कराना यह मेरी सर्वोच्च प्राथमिता रही। यह कार्य वार्ड में दिखते हैं। नल-जल का लाभ घर-घर तक पहुंचाना निश्चित रूप से वार्ड की जरूरत है, जिस पर मेरा ध्यान है। शैक्षणिक और स्वास्थ्य की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर प्रयास जारी हैं। शेष कार्यकाल में इन सभी जरूरी कार्यों को कराने पर मेरा जोर है। विभिन्न योजनाएं चिह्नित करा चुकी हूं। कुछ को स्वीकृति मिल भी चुकी है। बस राज्य मद से फंड का इंतजार है। इसके बाद वृहद स्तर के कार्यों को गति मिल सकेगी।-गीता देवी, वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर-13, नवादा।

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