सोखोदेवरा के कई टोले नल जल की सुविधा से वंचित
कौआकोल के सोखोदेवरा पंचायत के वार्ड 1 और 2 के लोग नल जल सुविधा से वंचित हैं। मोटर का उपयोग खेतों में किया जा रहा है, जिससे पेयजल समस्या गंभीर हो गई है। सात साल पहले बोरिंग और पाइपलाइन के बावजूद पानी...

कौआकोल, एक संवाददाता कौआकोल प्रखंड की सोखोदेवरा ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या एक एवं दो मड़होड़ी बासोडीह टोला के लोग नल जल की सुविधा से वंचित रह रहे हैं। वार्ड में सरकार द्वारा लोगों के लिए लगाए गए मोटर का उपयोग खेत पटवन के काम में लाया जा रहा है। लिहाजा उनके सामने पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है। ग्रामीण छोटू मिस्त्री, परमानंद कुमार आदि ने बताया कि इस वार्ड में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत आज से लगभग सात वर्ष पूर्व ही बोरिंग कराकर पानी का टंकी लगाया गया। लोगों के घरों तक पाइप लाइन भी दुरुस्त कर दिया गया। पर संबंधित लोगों की मनमानी के कारण आज तक पानी का सप्लाई नहीं हो सका है। लोगों के पीने की पानी के लिए किये गए बोरिंग का इस्तेमाल खेती गृहस्थी के काम में किया जाता है। इसके चलते इस वार्ड के लोगों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोग पीने की पानी को लेकर परेशान हो रहे हैं। गौरतलब है कि गर्मी का दस्तक देते ही कौआकोल के विभिन्न कस्बों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। लोग पीने की पानी को लेकर काफी परेशान हैं। प्रखंड के सेखोदेवरा पंचायत के वार्ड संख्या एक मड़होड़ी बासोडीह में लोगों को पेयजल की संकट से जूझना पड़ रहा है। सरकार द्वारा जल जल की योजना पर लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उक्त वार्ड में सरकारी मद से लगाए गए चापाकल भी मरम्मति के अभाव में यूं ही बेकार पड़ा हुआ है। उनके समक्ष विकराल बनी हुई पानी की समस्या के प्रति न तो कोई जनप्रतिनिधि गंभीर है और न ही पदाधिकारी। समस्या को लेकर कई बार ग्रामीणों द्वारा प्रखंड कार्यालय जाकर बीडीओ से शिकायत कर बिगड़े हुए चापाकलों की मरम्मति कराने का आग्रह किया गया। पर आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला। -------------------- मवेशी रखने वालों को हो रही ज्यादा परेशानी ग्रामीणों का कहना है कि गांव उत्पन्न हुए पानी की समस्या से सबसे ज्यादा पशुपालकों को हो रही है। पानी की समस्या के कारण वे अपनी मवेशियों को टाल के क्षेत्र में लेकर जाने के लिए विवश हो रहे हैं। पशु पालक अभी से असाढ़ माह तक अपनी मवेशियों को लेकर टाल के क्षेत्र में ही रहेंगे। जब बारिश होना प्रारम्भ हो जाएगा तो वे वहां से अपनी मवेशियों को लेकर गांव वापस आएंगे। बहुतों पशुपालक पानी की समस्या को देखते अपनी मवेशियों को बेच देना या रिश्तेदारों के यहां ही भेज देना जरूरी समझ रहे हैं। और औने-पौने दाम पर मवेशियों को बेच दे रहे हैं। -------------------- मुखिया, विधायक एवं सांसद से किया गया आग्रह गया बेकार ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव में पानी बिकराल बनी समस्या के बारे में स्थानीय मुखिया, विधायक एवं सांसद भी से निजात दिलाने के लिए आग्रह किया गया। गांव के मुख्य चौराहों पर एक दो जगह पर पहाड़ी चापाकल लगाने का अनुरोध गया। पर आज तक उन जनप्रतिनिधियों के द्वारा किसी तरह का पहल नहीं किया गया। यहां तक कि उन्होंने गांव में बिगड़े हुए चापाकलों की मरम्मति तक कराने की किसी तरह की कोशिश नहीं की। अंत में ग्रामीण उनसे आग्रह करना छोड़ दिया। ग्रामीणों की शिकायत है कि वोट के समय ही मुखिया, विधायक और सांसद गांव पहुंचते हैं। चुनाव जीतन के बाद कोई नजर नहीं आता है।
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