दुर्गापुर महादलित टोला में पेयजल की समस्या बनी है विकराल
कौआकोल, एक संवाददाताप्रखंड की केवाली पंचायत अंतर्गत सुंदरी गांव के दुर्गापुर महादलित टोला में पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है।

कौआकोल, एक संवाददाता प्रखंड की केवाली पंचायत अंतर्गत सुंदरी गांव के दुर्गापुर महादलित टोला में पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीण संतोष मांझी, रामवृक्ष मांझी, गरीबन मांझी, बच्ची देवी, भाजो मांझी, अलखदेव मांझी एवं देवीलाल मांझी आदि ने बताया कि उक्त गांव में न तो एक एक चापाकल है और न ही सबमर्सिबल है। लोगों को पीने के लिए पानी गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर के गांव करमा या सुंदरी से ढोकर लाना पड़ता है। गांव में सात निश्चय योजना से नल-जल भी नहीं लगाए गए हैं। ताकि उक्त योजना भी लोगों की प्यास बुझाने में काम नहीं आ सके।
ग्रामीणों की मानें तो इस संबंध में स्थानीय मुखिया से लेकर बीडीओ तथा विधायक तक पानी उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया गया। पर आज तक किसी ने उनकी एक भी नहीं सुनीं। ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव में एक दो स्थानों पर पूर्व से ओपेन चापाकल लगा हुआ है, लेकिन पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण सभी चापाकल सूख गए हैं। जिसके कारण गांव वालों के सामने पीने की पानी की समस्या विकराल बनी हुई है। सरकारी महकमा एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चापाकल की मरम्मत कराने के लिए आग्रह करते करते थक हार गए। पर उनकी किसी ने नहीं सुनी। लिहाजा ग्रामीणों को डेढ़ किलोमीटर दूर के गांवों से पीने के लिए पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों की शिकायत है इस टोले पर निवास करने वाले लोग हर तरह की मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित हैं। बिजली, पानी, शिक्षा तथा यातायात की सुविधा आदि का घोर अभाव है। बावजूद उन लोगों की कोई भी सुध लेने वाला नहीं है। उस गांव में न तो स्वच्छता अभियान योजना का रोशनी पहुंच सका है और न ही शौचालय निर्माण योजना का ही। लिहाजा आज के युग में भी उस गांव के लोग खुले में शौच करने के लिए विवश हैं। धरातल पर नहीं उतर सकी है सरकारी योजनाएं दुर्गापुर महादलित टोला में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों की लापरवाही के कारण धरातल पर सरकारी योजनाएं नहीं उतर सकी है। जिसके चलते उसे टोले के लोग आवश्यक मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित रह रहे हैं। लिहाजा लोगों का समुचित विकास भी नहीं हो पा रहा है। न तो इस गांव में कोई विद्यालय है और न ही नल जल की योजना को ही धरातल पर उतारा जा सका है। जिसके कारण इन योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। यहां तक की आवास योजना तथा शौचालय का भी लाभ उक्त टोले के लोगों को मिल पा रहा है। विद्यालय नहीं रहने के कारण उस टोला के एक व्यक्ति भी मैट्रिक पास नहीं है। करीब करीब आबादी आज के युग में हस्ताक्षर की जगह अंगूठा लगाते हैं। जबकि सरकार निरक्षरता रुपी कलंक को मिटाने के लिए कृतसंकल्प है तथा इसके लिए विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक करना उन्हें साक्षर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पर दुर्गापुर के लोगों के लिए यह प्रयास भी सार्थक सिद्ध नहीं हो सका है।
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