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वारिसलीगंज रैक प्वाइंट है सुविधाविहीन

भारतीय रेल को प्रतिमाह ढाई करोड़ से अधिक का राजस्व वारिसलीगंज रेलवे रैक प्वाइंट से प्राप्त होता है। इसके बावजूद रैक प्वाइंट पर सुविधाओं का घोर अभाव है। 25 वर्ष पूर्व हाफ रैक से शुरु हुए कार्य के साथ...

हिन्दुस्तान टीम नवादाTue, 5 Dec 2017 02:22 PM
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वारिसलीगंज। निज संवाददाता

भारतीय रेल को प्रतिमाह ढाई करोड़ से अधिक का राजस्व वारिसलीगंज रेलवे रैक प्वाइंट से प्राप्त होता है। इसके बावजूद रैक प्वाइंट पर सुविधाओं का घोर अभाव है। 25 वर्ष पूर्व हाफ रैक से शुरु हुए कार्य के साथ वर्ष 2005 में फुल रैक प्वाइंट का दर्जा प्राप्त होने के बाद भी व्यापारियों का माल खुले आकाश के नीचे रह कर बर्बाद होता है। इसके अलावा सामान की सुरक्षा तक नदारद है। पानी, बिजली, शौचालय, शेड जैसी मूलभूत सुविधाएं वहां काम करने वाले मजदूरों को नसीब नहीं है।

वारिसलीगंज रैक प्वाइंट पर प्रति माह 12 से 14 फुल एवं हाफ रैक लगता है। एक रैक लगने से 20 लाख रुपये से अधिक का राजस्व रेलवे को मिलता है। इस प्रकार ढाई करोड़ से अधिक की कमाई करने के बाद भी विभाग रैक प्वाइंट पर होने वाले आवश्यक सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं देती। फलत: व्यापारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। शेड के अभाव में रैक प्वाइंट पर रखा सीमेंट, उर्वरक, अनाज कभी-कभी ज्यादा ही मात्रा में बेकार हो जाता है। रैक प्वाइंट पर काम करने वाले मजदूरों एवं अन्य लोगों को पानी पीने के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ती है। पानी की व्यवस्था नहीं रहने से लोगों को पास के होटलों एवं अन्य जगहों पर जाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। बिजली के अभाव में गैस लाईट के सहारे वहां से माल ढुलाई करने की नौबत बनी रहती है। शौचालय के अभाव में स्वच्छता अभियान पर भी ग्रहण लग रहा है।

किउल-गया रेलखंड पर अवस्थित वारिसलीगंज रैक प्वाइंट पर सतना, दुर्गापुर, फरक्का, सिंदरी, मैहर, रीबा, राजगंज, बोकारो समेत कई अन्य कई प्रदेशों से सीमेंट का रैक लगता है। जबकि पंजाब समेत अन्य जगहों से अनाज, उर्वरक का आयात होता है। नमक एवं अन्य सामानों का रैक समय-समय पर लगता रहता है। इसी प्वाइंट से सामानों को नवादा जिले के अन्य प्रखंडों समेत समीपवर्ती जिलों में भेजा जाता है।

रैक लगने के नौ घंटे के भीतर वैगन खाली करने की मजबूरी व्यापारियों की होती है। अगर ऐसा नहीं हो सका तो उन्हें पेनाल्टी देना पड़ता है। रेलवे द्वारा रैक प्वाइंट पर सुविधा उपलब्ध नहीं कराने से व्यापारियों में काफी रोष देखा जाता है। वारिसलीगंज व्यापारी संध के सचिव पवन बंका ने बताया रैक प्वाइंट की समस्या से जीएम एंव डीआरएम को अवगत कराया गया परंतु उनका दिया आश्वासन कोरा आश्वासन ही साबित हो रहा है।

पूछे जाने पर स्टेशन प्रबंधक भागवत रविदास ने कहा कि विभागीय स्तर से रैक प्वाइंट पर सुविधा बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र लाभ मिलने की संभावना है।

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