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हिसुआ : वार्ड 17 में नल-जल की स्थिति बदतर, बेहतरी की आस में वार्डवासी

हिसुआ का वार्ड 17, जो पुराने नगर पंचायत का हिस्सा है, धार्मिक आस्था का केंद्र है। यहां मां गायत्री मंदिर और तैलिक ठाकुरबाड़ी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। हालाँकि, वार्ड की जनसंख्या लगभग 7000 है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाWed, 16 April 2025 12:41 PM
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हिसुआ : वार्ड 17 में नल-जल की स्थिति बदतर, बेहतरी की आस में वार्डवासी

हिसुआ, संवाद सूत्र। नगर परिषद का वार्ड 17 भी पुराने हिसुआ नगर पंचायत का हिस्सा रहा है। शहर के मध्य भाग में स्थित यह वार्ड हिसुआ बाजार के मुख्य वार्ड में शुमार है। नगर का यह वार्ड प्रमुख व्यवसायिक केंद्र होने के साथ ही हिसुआ के लोगों की आस्था का भी मुख्य केंद्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि वार्ड के दक्षिणी छोर पर स्थित मां गायत्री मंदिर और मध्य में स्थित तैलिक ठाकुरबाड़ी हिसुआ शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शुमार है। इसके प्रति स्थानीय लोगों की आस्था बड़ी है। अपने विशेष धार्मिक आयोजनों सहित समाज सुधार की दिशा में चलाये जाने वाले जन जागृति के लिए इन धार्मिक स्थलों की अपनी ख्याति है। समय-समय पर होने वाले बड़े धार्मिक आयोजनों में स्थानीय लोगों की काफी भीड़ यहां जुटती है। इन दोनों प्रमुख धार्मिक स्थलों में धार्मिक आयोजन के साथ ही यहाँ के सदस्यों द्वारा समाज सुधार की दिशा में कई कार्यक्रम समय-समय पर चलाये जाने की स्थानीय लोग काफी प्रशंसा करते हुए इसमें अपना भरपूर सहयोग भी देते हैं। तैलिक ठाकुरबाड़ी की है विशिष्ट पचहान हिसुआ नगर के वार्ड 17 स्थित तैलिक ठाकुरबाड़ी का इतिहास काफी पुराना रहा है। हिसुआ का यह प्रसिद्ध ठाकुरबाड़ी कभी आस्था के साथ ही शिक्षा का भी महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां के कार्यकर्ताओं के ही मार्गदर्शन में हिसुआ में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 1982 में हिसुआ नगर के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शुमार रहे प्रोजेक्ट मुनक्का फूलचंद साहू कन्या इंटर विद्यालय और दिलीप दशरथ मुखिया महिला कॉलेज की स्थापन कराई गई थी, जो आज पूरे हिसुआ शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाके के छात्राओं की शिक्षा का प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस प्राचीन ठाकुरबाड़ी के प्रति तैलिक साहू समाज के लोगों की भरपूर आस्था है। वार्ड की आबादी है बड़ी, समस्याएं भी बड़ी वार्ड 17 की जनसंख्या 07 हजार के करीब है जबकि यहां 15 सौ के आसपास मतदाता हैं। वार्ड में मतदाता पुनरीक्षण कार्य के लिए दो बीएलओ नियुक्त हैं, जिनके कार्य से वार्ड वासी संतुष्ट नहीं दिखते जबकि उनसे बड़ी अपेक्षाएं रखते हैं। वार्ड का सीमांकन पूरब में रानी पोखर से लेकर पश्चिम में हिसुआ बीच बाजार रोड जबकि दक्षिण में गायत्री मंदिर गली से लेकर उत्तर दिशा में हिसुआ नाला तक है। इस वार्ड में अतिपिछड़ा और महादलित समुदाय के मतदाताओं की काफी तादाद है, जबकि वार्ड में मुस्लिम समुदाय के भी लोग निवास करते हैं। निराशा इस बात की है कि जितनी बड़ी और घनी यहां की आबादी है, उतनी ही समस्याओं से यह वार्ड घिरा हुआ है, जिसका समाधान निकल आने में विलम्ब वार्डवासियों को निराशा से भर रहा है। नल-जल की स्थिति बद से बदतर, बेहतर प्रबंधन की आस में वार्डवासी नगर परिषद के अन्य वार्डों की तरह हिसुआ नगर परिषद के वार्ड 17 में भी नल-जल की स्थिति बेहद ही खराब है। इस कारण वार्ड के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भीषण गर्मी के मौसम में तो स्थिति और भी अधिक भयावह हो जाती है। अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए स्थानीय लोग बताते हैं कि कई दफा वार्ड पार्षद द्वारा इस संबंध में पहल किये जाने के बाद भी स्थिति आजतक जस के तस बनी हुई है। नल-जल के लिए इस वार्ड में दो-दो जगहों पर बोरिंग की व्यवस्था है, लेकिन फलाफल बेहतर नहीं है। गर्मी में भूजल स्तर गिरने से वाटर लेयर काफी नीचे चला जाने के कारण बोरिंग से पानी बहुत ही कम निकलने लगती है, जिस कारण इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है। स्थानीय वार्ड पार्षद शंभू शर्मा कहते हैं कि मैंने कई दफा अन्य बोरिंग कराने की मांग की है लेकिन इस पर आजतक कोई ठोस पहल नहीं होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि पिछले ही वर्ष नगर परिषद की स्वीकृति से एक अलग बोरिंग कराया गया था, जिसका भुगतान आजतक मुझे नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि नाला पर स्थित बोरिंग से ज्यादातर दूसरे वार्डों में पानी की सप्लाई की जाती है। बुरा हाल नल-जल के संचालक का भी है, जो लोगों के बेहतर प्रबंध को लेकर अपनी ड्यूटी तो निभा रहे हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वर्षों से ईमानदारी पूर्वक कार्य करने के बावजूद भी इन्हें भुगतान के नाम पर आजतक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए संचालक कहते हैं कि अगर आगे भी स्थिति यथावत रहेगी तो कार्य कर पाना मुश्किल होगा क्योंकि हमारे भी घर, परिवार और बच्चे हैं, जिनकी परवरिश की चिंता हमें लगी रहती है। दबगर टोली में सरकारी जमीन पर पुस्तकालय निर्माण की मांग उपेक्षित वैसे तो शिक्षा के मामले में नगर के इस वार्ड में वैसी कोई विशेष व्यवस्था नहीं है और इस वार्ड में सरकारी विद्यालय का भी आभाव है। जबकि एकमात्र आंगनबाड़ी केंद्र भी भवन विहीन है। काफी पहले वार्ड में एक सामुदायिक भवन हुआ करता था, जहां इस वार्ड के होनहार बच्चे बैठकर पढ़ाई किया करते थे और अपनी लगन और मेहनत के बल पर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी आपसी सहयोग से किया करते थे। यहां से पढ़ाई करने वाले बच्चे देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्तीर्ण होकर अपनी प्रतिभा का परचम लहराकर अपने माता -पिता सहित हिसुआ नगर का मान लगातार बढ़ाने में जुटे हुए हैं। लेकिन वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र भवनहीन होने के कारण वर्तमान समय में उस सामुदायिक भवन में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किए जाने से वार्ड के होनहार युवाओं को सामूहिक तैयारी करने के लिए जगह की भारी कमी है। इस संबंध में स्थानीय युवा और छात्र दबगर टोली में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर एक पुस्तकालय निर्माण की मांग काफी अर्से से करते आ रहे हैं, जिस पर आजतक कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण स्थानीय युवाओं और छात्र-छात्राओं में नगर प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है। महादलित टोला की स्थिति बदतर, सुधार की आस में वार्डवासी शहर के इस महत्वपूर्ण वार्ड के उत्तरी छोर पर महादलित समुदाय के लोगों की काफी घनी आबादी रहती है, जो खुद की मेहनत और मजदूरी कर अपना और परिवार का पालन पोषण करते हैं। लेकिन जैसे ही आप इनके मोहल्ले में प्रवेश करेंगे तो यहां की स्थिति आपको बद से बदतर मिलेगी, जहां सफाई के अभाव में संकीर्ण गलियों में जहां-तहां पसरे कुड़े के ढेर सफाई का पोल खोल जाते हैं। यही हाल यहां की नालियों का भी है, जो सफाई के अभाव में गंदगी से भर चुका है और उसका पानी गलियों में बह रहा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो इस वार्ड के महादलित टोले की स्थिति साफ-सफाई और बेहतर प्रबंधन के लिहाज से काफी नारकीय है। दबगर टोली में बिछाए गए पेवर ब्लॉक, होने लगी है धसान शहर के इस वार्ड में हाल-फिलहाल ही पार्षद मद से दबगर टोली में पैवर ब्लॉक बिछाने का कार्य कराया गया है। लेकिन अभी से ही जगह-जगह मिट्टी धंस जाने से धसान होना शुरू हो गया है। स्थानीय लोग कहते हैं कि पैवर ब्लॉक बिछाये जाने से आने-जाने की बेहतर सुविधा कि आस तो जगी थी लेकिन इसमें जगह-जगह धसान होने से गलियों में गड्ढा बन गया है, जिससे रात्रि में आने-जाने पर काफी दिक्कतें होती है और गिरने समेत अन्य प्रकार की दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। निकाय चुनाव के अजेय योद्धा रहे हैं स्थानीय प्रतिनिधि वार्ड नंबर 17 के लिए यह काफी सौभाग्य की बात है कि यहां के स्थानीय वार्ड पार्षद शम्भू शर्मा वर्तमान समय में नगर परिषद के सभी जनप्रतिनिधियों के मुकाबले सबसे अधिक शिक्षित हैं। उन्होंने एमए तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद सक्रिय छात्र राजनीति में पदार्पण किया। समाजवादी विचारधारा के समर्थक के रूप में राजनीति में उतरे शम्भू शर्मा हर बार अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाने में कामयाब रहे हैं। इन्होंने वर्ष 2002 से नगर निकाय के चुनाव में लगातार जीत दर्ज करते हुए अपने वार्ड की बागडोर काफी मजबूती के साथ थामे हुए हैं। वह पहली दफा 2002 के हुए निकाय चुनाव में सफलता पाई। उनकी धर्मपत्नी किरण शर्मा, जो खुद दो बार बगल के ही वार्ड 14 का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं, उन्होंने उनका खूब साथ दिया। लगातार जीत के बीच वर्ष 2017 में निर्विरोध निर्वाचित हुए। वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक तत्कालीन नगर पंचायत के उपाध्यक्ष के रूप में भी इन्होंने नगर पंचायत का सफल नेतृत्व किया है। ----------------- आम लोगों की व्यथा : वार्ड 17 में युवाओं के पढ़ाई करने के लिए कोई उपयुक्त जगह नहीं है। पूर्व में जिस सामुदायिक भवन में बच्चे पढ़ाई करते थे, वहां अब आंगनबाड़ी का संचालन होता है। इसलिए दबगर टोली स्थित सरकारी जमीन पर पुस्तकालय का निर्माण होना चाहिए। -अमित कुमार, वार्डवासी। नल-जल की स्थिति बद से बदतर है, जिसका समाधान जल्द निकाला जाना चाहिए। भीषण गर्मी में वाटर लेयर नीचे चले जाने से बोरिंग से बहुत ही कम पानी निकलता है। इस बोरिंग से अलग दूसरे बोरिंग कराए जाने की जरूरत है। इसकी अनदेखी सही नहीं। -दीपक कुमार, वार्डवासी। नल-जल के संचालक विगत कई वर्षों से लगातार अपनी सेवा देते आ रहे हैं, इसके बावजूद नगर प्रशासन को उनके वेतन भुगतान की फिक्र नहीं है। यह नगर निकाय के अधिकारियों की कार्य शैली पर सवाल खड़ा करता है। ऐसे में अच्छी व्यवस्था की उम्मीद बेकार है। -विक्की कुमार, वार्डवासी। वार्ड के विकास में स्थानीय पार्षद का प्रयास काफी सराहनीय रहा है, जिनके प्रति हमलोगों की अटूट आस्था है। दबगर टोली में पुस्तकालय भवन का निर्माण और नलजल की स्थिति में सुधार की सख्त जरूरत है। बड़े मद वाली योजनाओं पर काम की जरूरत है। - मो. इदरिश, वार्डवासी। --------------------------- क्या कहते हैं जिम्मेदार: वार्ड की जनता ने निकाय चुनाव के प्रथम चरण 2002 से ही अब तक लगातार प्रतिनिधित्व करने का अवसर मुझे दिया है, उनकी कसौटी पर खरे उतरने का मेरा हमेशा से प्रयास रहा है। इस कारण मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। विकास मेरी प्राथमिकता है। वार्ड में नलजल की स्थिति ठीक नहीं है, जिसके सुधार को लेकर मैं लगातार प्रयासरत हूं। शीघ्र ही समाधान निकल आएगा। इसके साथ ही दबगर टोली की खाली पड़े सरकारी जमीन पर पुस्तकालय निर्माण और नाली-गली का निर्माण भी मेरी प्राथमिकताओं में है, जिसे जल्द पूरा करने का प्रयास जारी है। बस बड़े बजट की राशि के लिए नगर विकास मद पर टकटकी लगी है। नल-जल के संचालकों का भुगतान नहीं किया जाना निराशाजनक है, जिसकी कई दफा मांग करने पर भी अब तक नगर परिषद तत्परता नहीं बरत रहा है। वार्ड का चहुमुखी विकास हो, यही हमारा प्रयास है। -शंभू शर्मा, वार्ड पार्षद, वार्ड 17, हिसुआ नगर परिषद, नवादा।

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