Hindi Newsबिहार न्यूज़नवादाVillagers boycott voting at many booths

कई बूथों पर ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार

नवादा जिले के कई बूथों पर विभिन्न मांगों लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। हिसुआ विधानसभा क्षेत्र, रजौली विधानसभा क्षेत्र के कई बूथों पर लोगों ने वोट नहीं डाले। विधान सभा बदलने को लेकर हिसुआ...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाThu, 29 Oct 2020 05:10 PM
share Share

नवादा जिले के कई बूथों पर विभिन्न मांगों लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। हिसुआ विधानसभा क्षेत्र, रजौली विधानसभा क्षेत्र के कई बूथों पर लोगों ने वोट नहीं डाले।

विधान सभा बदलने को लेकर हिसुआ से सटे मेसकौर प्रखंड के बारत पंचायत के लोगों ने वोट का बहिष्कार किया। वे बारत पंचायत को हिसुआ विधान सभा में करने की मांग को लेकर पहले से भी अड़े थे। मंगलवार को भी लोग इसके लिए विरोध का स्वर मुखर किये थे। बारत, टेकपुर, रेपुरा के लगभग सात मतदान केंद्रों पर वोट वहिष्कार की जानकारी लोगों ने दी जबकि बैजनाथपुर, लालुनगर और शिवगंज के पांच बूथों पर मतदान जारी रहा, लेकिन लोगों का कहना था कि जानकारी नहीं रहने की वजह से इस बूथों पर मतदान शुरू हो गया। फिर जानकारी के बाद इसका असर मतदान पर पड़ा। लोगों का कहना था कि 2008 से पूर्व बारत हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में था, लेकिन नये परिसिमन में इसे रजौली विधान सभा में कर दिया गया। पंचायत से प्रखंड कार्यालय 25 किलोमीटर दूर और अनुमंडल 55 किलोमीचर दूर है। जबकि हिसुआ से इसकी दूरी मात्र चार या पांच किलोमीटर ही है। इसी बात को हवाला देकर ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार किया।

रजौली विधानसभा क्षेत्र के सिरदला प्रखंड के राजन गांव के लोगों ने लोकतंत्र के महापर्व का बहिष्कार किया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ नंबर 136 और 137 पर दिन के 04 बजे तक एक भी वोट पोल नहीं हो पाया था। ग्रामीणों ने रोड की मांग को लेकर नाराजगी जताते हुए अपने मतों का प्रयोग नहीं किया। राजन गांव के नजदीक एक अन्य गांव दुबरी बीघा सहित करीब दो हज़ार वोटरों ने मतदान नहीं किया। सुबह के सात बजे से ही पीठासीन पदाधिकारी समेत अन्य चुनाव कर्मी बैठे रहे, लेकिन वोटर नहीं आये। हालांकि, प्रशासन द्वारा लोगों को मनाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन ग्रामीण एक नहीं माने। दरसअल, 70 साल के बाद भी इस गांव में सरकारी सुविधा के नाम पर सड़क, नाली गली, नल जल, सामुदायिक भवन आदि नहीं बन सका है। इससे यहां के लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं प्रखंड के खलखु से भी वोट के बहिष्कार की खबरें आई हैं। लोगों का कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं। इलाके के लोग पहले ही वोट बहिष्कार की घोषणा कर चुके थे। रजौली विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 121 पर कुल 500 के करीब मतदाता है पर दिन के 04 बजे तक एक भी वोट पोल नहीं हो सका था। गांव पहुंचे अधिकारी लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नही हुआ। खलखु के ग्रामीणों सूरजदेव प्रसाद,अमीरक प्रसाद,मुकेश कुमार,सोनू कुमार,अर्जुन प्रसाद ने बताया कि आजादी के बाद भी आज तक गांव को एक अदद रोड नही मिल सका। वहीं गांव के ग्रामीणों का बूथ भी तीन किलोमीटर दूर लौंद में बनाया गया है। इसका विरोध ग्रामीण कई बार स्थानीय प्रशासन से कर चुके थे। बावजूद बूथ को तीन किलोमीटर दूर लौंद में बनाया गया है। मेसकौर प्रखंड के बोधी विगहा गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं के बैनर लगा का वोट का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीण का कहना है कि 15 वर्ष से अधिक समय बीत गया और चुनाव का समय आते ही जनप्रतिनिधि बरसाती मेढक की तरह टर्र-टर्र करते हैं। जीत हासिल होते ही ग्रामीण की समस्या को भूल जाते हैं। वर्षों से समस्या से निजात के लिए आंखे पथरा गयीं।

रजौली प्रखंड के फरका बुजुर्ग पंचायत के धामुचक गांव में रोड नहीं बनने के कारण आक्रोशित मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार किया। वोट बहिष्कार किए जाने की सूचना मिलने के बाद पहुंचे रजौली विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ चंद्रशेखर आजाद व एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने ग्रामीणों को काफी समझाया-बुझाया। बावजूद एक भी ग्रामीणों ने उनकी बात नहीं सुनी और वोट देने से मना कर दिया। इसके कारण गांव में एक भी वोट नहीं पड़े। एकमात्र वोट गांव के चौकीदार चंदन कुमार ने नोटा बटन दबा कर दिया जो सरकारी कर्मी के तौर पर मतदान का गवाह बना। धामोचक गांव के आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि अब तक जितने भी जनप्रतिनिधि विधानसभा चुनाव से पहले गांव में आकर बड़े-बुजुर्गों, युवाओं, महिला-पुरुषों के हाथ पैर जोड़कर वोट देने की अपील करते हैं, उन्हें पैर छूकर प्रणाम कर आशीर्वाद लेते हैं वह वोट लेकर चुनाव जीतने के बाद गांव के लोगों को बीच मझधार में छोड़ कर चले जाते हैं। उन नेताओं को सुधी तब होती है जब अगली बार कोई चुनाव आ जाता है। ग्रामीणों अरुण कुमार यादव, श्रीराम प्रसाद, बबलू कुमार, ईश्वरी प्रसाद मोदी, राजबल्लभ पासवान, शिवनंदन पासवान, राजकुमार प्रसाद, असीम प्रसाद, भूतपूर्व सैनिक द्वारिका प्रसाद, अंबिका प्रसाद वर्मा, मदन मोहन प्रसाद, सिंहेश्वर प्रसाद गुप्ता आदि ने कहा कि एक भी विधायक ने गांव की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे वे लोग मजबूर होकर वोट का बहिष्कार कर रहे हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें