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समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हैं रोह प्रखंड के निवासी

रोह प्रखंड क्षेत्र की दो लाख जनसंख्या कई समस्याओं से जूझ रही है। यहाँ पक्की सड़कें, नल जल योजना, और शौचालयों का अभाव है। शिक्षा के लिए उच्चतर संस्थान नहीं हैं और बैंकिंग सेवाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाSat, 22 Feb 2025 03:32 PM
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समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हैं रोह प्रखंड के निवासी

रोह, निज प्रतिनिधि चहुंओर विकास की गूंज के बीच रोह प्रखंड क्षेत्र की जनता आज भी समस्याओं के मकड़जाल में फंसी हुई है। करीब दो लाख आबादी दर्जन भर से अधिक बड़ी समस्या से जूझने को मजबूर है। समस्याओं की लंबी फेहरिस्त में सबसे ऊपर है, रोह का रजौली अनुमंडल से जुड़ा होना। अजयनगर एवं दुल्म बिगहा दलित बस्ती तक पक्की सड़क नहीं बन सकी है। कई वार्डों में नल जल योजना नहीं पहुंची है। शौचालय योजना का लाभ शत प्रतिशत गरीबों को नहीं मिला है। आवास योजना के लाभ से दर्जनों वास्तविक गरीब वंचित हैं। प्रखंड निर्माण के तीस साल बाद भी इस बड़ी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। रोह का अनुमंडल एवं रजिस्ट्री कार्यालय रजौली में रहने से प्रखंड की करीब दो लाख आबादी मुसीबतों का सामना कर रही है। अनुमंडल अथवा रजिस्ट्री कार्यालय के काम के लिए लोगों को 50-60 किमी सफर तय करके रजोली जाना पड़ रहा है। जबकि रोह से महज 15 किमी की दूरी पर नवादा अनुमंडल एवं रजिस्ट्री कार्यालय स्थित है। आमजनता द्वारा वर्षों से रोह प्रखंड को नवादा अनमंडल से जोड़ने की मांग की जा रही है। सरकार भी कहती है कि हमेशा आमलोगों की सहूलियत के लिए काम कर रही है। मगर अनुमंडल एवं रजिस्ट्री कार्यालय को लेकर नतीजा शून्य रहने से आमलोगों में निराशा है। सिंचाई की नहीं है बेहतर व्यवस्था, नहीं पहुंच रहा हर खेत को पानी कृषि आधारित रोह प्रखंड के अधिकांश हिस्से में किसान सिंचाई की समस्या से जूझ रहे हैं। सिंचाई सुविधा के अभाव में सैकड़ों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन परती रह जाती है। लिहाजा भारी संख्या में किसान वर्ग के लोग खेतीबारी के बजाय दूसरे प्रदेशों में काम करने चले जाते हैं। प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों राजकीय नलकूप बेकार पड़े हैं। किसानों की चिरप्रतीक्षित मांग 52 गांवों को सींचने वाली रजाइन पइन व उसकी शाखा-उप शाखाओं को मॉडल के रूप में विकसित करने और अपर सकरी जलाशय निर्माण को पूरा करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इन दोनों योजना को मूर्त रूप दे दिया जाय तो रोह प्रखंड की धरती हरी-भरी हो जाएगी। मजदूरों को गांव में ही काम मिलने लगेगा। बेरोजगारी की समस्या का एक हद तक समाधान हो जाएगा। रोह में उच्चतर व तकनीकी शिक्षा के लिए नहीं है शैक्षणिक संस्थान प्रखंड मुख्यालय रोह में बालिका उच्च अथवा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नहीं है। सरकार की योजना के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तो हैं। लेकिन स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए रोह प्रखंड क्षेत्र में कॉलेज नहीं है। जिसके कारण इंटर पास करने के बाद छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए नवादा जाना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों के लिए नवादा जाकर अथवा वहां रहकर पढ़ाई करना संभव नहीं होता है। ऐसी स्थिति में गरीब परिवारों के बच्चे उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी तो छात्राओं को हो रही है। इंटर की पढ़ाई के बाद स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करना उनके लिए बड़ा चैलेंज बन जाता है। क्योंकि, सुदूरवर्ती गांव से निकल कर नवादा स्थित कॉलेज में पढ़ने जाना, उनके लिए मुश्किल होता है। प्रखंड क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा के लिए कोई संस्थान नहीं है। जिसके कारण इस इलाके के युवक आसानी से तकनीकी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। रोह बाजार में नहीं है राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा व एटीएम प्रखंड मुख्यालय रोह बाजार में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा नहीं है और न ही किसी बैंक एटीएम है। लिहाजा हरेक तबके के लोग परेशानी से जूझ रहे हैं। सरकारी कर्मियों को वतन एवं सेवानिवृत पेंशन धारकों को पेंशन राशि की निकासी के लिए नवादा जाना पड़ता है। किसी भी बैंक का एटीएम नहीं लगने से प्रखंड क्षेत्र के एटीएम कार्ड धारकों को रुपए की निकासी करने में परेशानी होती है। लोगों को बैंकिंग सेवा के समुचित लाभ से महरूम होना पड़ रहा है। रोह प्रखंड में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था नहीं है रोह प्रखंड क्षेत्र की अधिकांश आबादी बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लाभ से महरूम है। प्रखंड मुख्यालय रोह में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। मगर वर्तमान इसका भवन काफी छोटा है और चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों की कमी है। रूपौ में वर्षों से एपीएचसी खोलने की मांग हो रही है। इसके अलावा भट्टा में भी एपीएचसी की मांग की जा रही है। लेकिन आमजनता की गुहार अनसुनी होने से लोगों में मायूसी है।

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