प्रतिपूर्ति राशि के लिए निजी स्कूलों के संचालकों ने दिया धरना
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन नवादा से सम्बद्ध निजी विद्यालय संचालकों ने अपने आंदोलन को उग्र करते हुए बुधवार को कलेक्ट्रेट के समीप धरना-प्रदर्शन किया।
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन नवादा से सम्बद्ध निजी विद्यालय संचालकों ने अपने आंदोलन को उग्र करते हुए बुधवार को कलेक्ट्रेट के समीप धरना-प्रदर्शन किया। एसोसिएशन ने पूर्व से जारी चरणबद्ध आंदोलन की तीसरी कड़ी में बुधवार को धरना-प्रदर्शन किया। पूरे नवादा जिला के प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने एक दिवसीय धरना में अपनी एकजुटता दर्शाते हुए प्रतिपूर्ति राशि के बकाया भुगतान की अपनी मांग के लिए आवाज बुलंद की। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष प्रो.विजय कुमार की अगुआई में धरना-प्रदर्शन हुआ। इस क्रम में जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी को कई बार लिखा गया जबकि जिलाधिकारी को भी कई बार लिखा गया लेकिन प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं हो सका। यहां तक कि बिहार सरकार के शिक्षा सचिव, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री को भी लिखा गया लेकिन अब तक आरटीई के तहत अध्यापन की बकाया राशि का भुगतान लंबित है। मौके पर जुटे सभी स्कूल संचालकों ने अपनी बात दमदार तरीके से रखी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब तक प्राइवेट स्कूलों को प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं हो जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आगे जेल भरो अभियान और आमरण अनशन भी किया जाएगा। धरना के अंत में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल अध्यक्ष प्रो.विजय कुमार, उपाध्यक्ष श्री निवास, महासचिव धर्मेन्द्र प्रसाद सिंह, सचिव मनोज कुमार मिश्रा तथा पीके पंकज ने डीएम रवि प्रकाश को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांग की पूर्ति के लिए पहल की बात रखी। मौके पर एसोसिएशन के सचिव सर्वेश कुमार व केडी शर्मण तथा रामानुज कुमार, कोषाध्यक्ष रंजीत कुमार, राज्य प्रतिनिधि रामानुज प्रसाद सिंह आदि समेत सैकड़ों निजी विद्यालय संचालक मौजूद रहे। अनसुनी रह जा रही मांग, ज्ञापन के जरिए लगाई गुहार प्रतिपूर्ति राशि के भुगतान को लेकर लगातार की जा रही मांग के अनसुनी रह जाने पर धरना दे रहे विद्यालय संचालकों के प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन के माध्यम से डीएम से सहयोग की गुहार लगाते हुए कहा है कि इस मामले में बिहार सरकार के शिक्षा सचिव, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री को भी लिखा गया लेकिन अब तक आरटीई के तहत अध्यापन की बकाया राशि का भुगतान लंबित है। कोरोना काल में 8 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी गुहार लगाई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बकाया के चलते सभी प्राइवेट स्कूल काफी कमजोर हो चुके हैं। ऐसे में जब तक प्राइवेट स्कूलों को प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं हो जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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