Hindi NewsBihar NewsNawada NewsNeither sanitizing nor spraying distribution of masks in only six wards

न सेनेटाइजिंग और न ही छिड़काव, सिर्फ छह वार्डों में मास्क का वितरण

हिसुआ के उत्तरी भाग का बगोदर पंचायत के गांवों में भी कोरोना के जुड़ी और मौसमी बीमारियों के लोगों की भरमार है। लेकिन वहां भी अभी तक ने तो सेनेटाइजिंग, न साफ-सफाई न छिड़काव का काम हुआ है। पंचायत के...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाTue, 18 May 2021 01:20 PM
share Share
Follow Us on

हिसुआ। निज संवाददाता

हिसुआ के उत्तरी भाग का बगोदर पंचायत के गांवों में भी कोरोना के जुड़ी और मौसमी बीमारियों के लोगों की भरमार है। लेकिन वहां भी अभी तक ने तो सेनेटाइजिंग, न साफ-सफाई न छिड़काव का काम हुआ है। पंचायत के मुख्यालय गांव नगर परिषद में शामिल होने के बाद भी यहां के लोगों को सेनेटाइजिंग, साफ-सफाई और छिड़काव का लाभ नहीं मिल रहा है। 14 वार्ड और दर्जनों गांव वाले पंचायत में एक भी उपस्वास्थ्य केंद्र और वेलनेस सेंटर नहीं है। बीमारों को ईलाज के लिए हिसुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नवादा सदर अस्पताल ही सहारा है।

लॉकडाउन की हालत में लोग अपनी जानकारी और अनुभव के अनुसार स्वयं ईलाज कर रहे हैं। झोलाछाप चिकित्सकों का ही सहारा है। दवा दुकानें भी आस-पास के क्षेत्रों में नहीं है। इसका खामियाजा जरूरतमंद लोगों को भुगतना पड़ रहा है। प्रमुख ललिता देवी, प्रमुख प्रतिनिधि संजय कुमार, मुखिया कार्यानंद राम, मुखिया प्रतिनिधि ओंकार कुमार, शिक्षक प्रमोद कुमार, कमलेश कुमार, ब्यास यादव आदि पंचायत के लोगों ने बताया कि कोरोना काल में कोरोना के लक्षणों वाली बीमारियों के काफी लोग पीड़ित हैं। परिवार के लोग परेशान हैं लेकिन सरकारी स्तर पर अभी तक सुरक्षा, साफ-सफाई, सेनेटाइजिंग, छिड़काव सहित अन्य काम नहीं हुए हैं। पंचायत में एक भी उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं है।

जनप्रतिनिधियों को कोविड के कामों से वंचित रखने का प्रभाव

जनप्रतिनिधि और लोगों का कहना है कि इस साल जनप्रतिनिधियों को कोविड काल के कामों से वंचित रखा गया है। इसकी वजह से सेनेटाइजिंग, छिड़काव और मास्क वितरण आदि का काम नहीं हुआ। पहले चरण में काम हुआ था। इस बार केवल मास्क का वितरण शुरू हुआ है लेकिन वह भी अभी तक मात्र छह वार्डों में ही हो सका है। पंचायत सचिव, कार्यपालक सहायक और विकास मित्र के माध्यम से बांटा जा रहा है। लोग इलाज के लिए झोलाछाप चिकित्सक पर या निजी अनुभव पर ही आश्रित हैं। बाहर से प्रवासी लोगों का खूब आना-जाना है। मजदूर नियमित लौट रहे हैं। लेकिन उनकी जांच, उन्हें अलग रखने, उनके लिए सामूहिक किचेन आदि का कोई प्रबंध नहीं है।

घटने लगी है बीमारों की संख्या

लोगों ने बताया कि शुरू में हो घर-घर लोग बीमार होने लगे थे लेकिन अब बीमारों की संख्या में कमी आयी है। बढ़ती गरमी के साथ बीमारों की संख्या कुछ कम हुई है नहीं तो सर्दी, खांसी, तेज बुखार, बदन दर्द के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा था। लॉकडाउन हो जाने से लोगों को ईलाज घर पर ही करना-करवाना पड़ा। ईलाज का कोई सरकारी इंतेजाम नहीं हुआ। केवल पंचायत में कोविड का टीका लगाने के लिए शिविर लगा। कोविड जांच आदि का इंतेजाम नहीं है। पंचायत के कई गांव नगर परिषद में शामिल हो गये हैं लेकिन अभी नगर परिषद् की बुनियादी सेवा-सुविधा और कोविड काल की सेवाओं का लाभ नहीं मिला है। बगोदर गांव में एक बार सेनेटाइज होने की बातें कही गयी है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें