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धान क्रय में नवादा लक्ष्य से पिछड़ा, राज्य में रहा 25वें नम्बर पर

नवादा, राजेश मंझवेकर15 फरवरी को धान क्रय की अवधि समाप्त हो गयी। इस साल धान खरीद में नवादा जिला पिछड़ गया है।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाWed, 19 Feb 2025 02:57 PM
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धान क्रय में नवादा लक्ष्य से पिछड़ा, राज्य में रहा 25वें नम्बर पर

नवादा, राजेश मंझवेकर 15 फरवरी को धान क्रय की अवधि समाप्त हो गयी। इस साल धान खरीद में नवादा जिला पिछड़ गया है। पूरे प्रदेश में नवादा 25वें स्थान पर रहा। विभाग द्वारा दिए गए शत-प्रतिशत लक्ष्य को पाना संभव नहीं हो सका। 88.74 प्रतिशत धान की ही खरीद इस वर्ष हो सकी। हालांकि विगत वर्ष की तुलना में धान क्रय की स्थिति कुछ बेहतर ही रही है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 9319.04 एमटी अधिक धान की खरीदारी हो सकी है। विगत वर्ष 97 हजार 935 एमटी धान की खरीद हो सकी थी। इसका मतलब इस बार बेहतर प्रदर्शन के बावजूद कसर रह ही गयी। सहकारिता विभाग द्वारा नवादा जिले को इस वर्ष 01 लाख 20 हजार 859 एमटी धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था। 15 फरवरी की देर रात तक 01 लाख 07 हजार 254.04 एमटी धान की ही खरीद हुई। यह लक्ष्य से 11.26 प्रतिशत कम रह गया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि धान खरीद की अवधि समाप्त हो गयी है। अब अवधि का विस्तार होने की कोई सूचना अभी तक नहीं है। इस बार धान खरीद के लिए 173 समितियों को जवाबदेही दी गयी थी। पैक्स चुनाव के बाद कई पैक्सों में अध्यक्ष और कार्यकारिणी समिति के बीच टकराव की स्थिति के कारण भी धान की खरीद में बाधा आई। कई पैक्सों के कार्यकारिणी सदस्यों ने तो इस्तीफा तक की कोशिश की। कामचलाऊ व्यवस्था के तहत सहकारिता विभाग द्वारा संबंधित पैक्सों को दूसरी पैक्सों से टैग कर धान खरीद की प्रक्रिया को पटरी पर लाने क प्रयास किया गया। लेकिन, उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं ही मिल सकी। चावल जमा करने की रफ्तार सुस्त जिले में अबतक जितना धान की खरीद हुई है, उस अनुपात में राज्य खाद्य निगम को चावल की आपूर्ति करने की रफ्तार भी काफी सुस्त है। मिलरों द्वारा उम्मीद से काफी कम चावल जमा किया गया है। डीसीओ ने बताया कि धान खरीद के अनुरूप पैक्सों व व्यापार मंडलों को तेजी से धान जमा किये जाने का आदेश दिया गया है। आगामी 15 जून तक अंतिम रूप से सीएमआर जमा कराने का कार्य निबटा लेना है। इसमें कोई कोताही स्वीकार नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि जिले में विगत 15 नवम्बर से धान क्रय की शुरुआत हुई थी। हालांकि मौसम के कारण नमी की अधिकता और पैक्स चुनाव के कारण 15 दिसम्बर के बाद ही धान क्रय को गति मिल सकी थी। वैसे मूल खरीदारी जनवरी माह में संभव हो सकी थी और कम से कम लक्ष्य के आसपास तक खरीदारी हो सकी। -------------------- मिलों में तैयार चावलों की गुणवत्ता की जांच पर है जोर नवादा। मिलों में तैयार चावलों की गुणवत्ता की जांच कराने पर डीएम रवि प्रकाश का विशेष जोर है। उन्होंने बीसीओ की प्रतिनियुक्ति प्रत्येक मिलों पर करने एवं चिह्नित मिलों पर एमओ एवं संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी नियमित रूप से मिलों में तैयार किये गए चावलों का गुणवत्ता जांच करने का निर्देश दे रखा है। जिले में 02 गुणवत्ता नियंत्रक निर्धारित किए हैं, जिन्हें साप्ताहिकी शिड्यूल बनाकर सभी प्रखंडों में चावल की गुणवत्ता को जांच करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने एजीएम को निर्देश दिया है कि खराब गुणवत्ता वाले चावल मिलरों द्वारा भेजे जाने पर स्वीकार नहीं करें एवं अपने संबंधित अधिकारी को जानकारी दें। --------------- सिरदला प्रखंड में सर्वाधिक खरीद, नवादा में सबसे कम नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में सिरदला प्रखंड में सर्वाधिक और नवादा प्रखंड में सबसे कम खरीदारी हो सकी है। जिला सहकारिता पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि सिरदला प्रखंड में 1314 किसानों से 89.68 प्रतिशत धान की खरीदारी हो सकी जबकि नवादा सदर प्रखंड 14वें नंबर पर रहा, जहां सबसे कम 977 किसानों से 87.05 फीसदी धान की खरीद ही हो सकी। इसके अलावा दूसरे नंबर पर अकबरपुर प्रखंड में 1441 किसानों से 75.28, तीसरे नंबर पर कौआकोल प्रखंड में 1580 किसानों से 95.98, चौथे नंबर पर हिसुआ प्रखंड में 688 किसानों से 82.10, पांचवें नंबर पर गोविंदपुर प्रखंड से 524 किसानों से 90.49, छठे नंबर पर रोह प्रखंड में 830 किसानों से 90.26, सातवें नंबर पर मेसकौर प्रखंड में 601 किसानों से 78.03, आठवें नंबर पर काशीचक प्रखंड में 455 किसानों से 88.50, नौवें नंबर पर पकरीबरावां प्रखंड में 1150 किसानों से 90.48, 10वें नंबर पर नरहट प्रखंड में 682 किसानों से 79.04, 11वें नंबर पर रजौली प्रखंड में 873 किसानों से 82.52, 12वें नंबर पर नारदीगंज प्रखंड में 581 किसानों से 80.65 जबकि 13वें नंबर पर वारिसलीगंज प्रखंड में 1472 किसानों से 90.26 धान क्रय संभव हो सका। इस प्रकार, शत-प्रतिशत धान क्रय किसी भी प्रखंड क्षेत्र में संभव नहीं हो सका।

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