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मकर संक्रांति बाजार : चूड़ा की कुटाई शुरू, गलियों में फैलने लगी सोंधी महक

नवादा में किसान नई उपज लेकर घर लौट चुके हैं और मकर संक्रांति पर्व की तैयारी कर रहे हैं। लोग चूड़ा, दही, तिलवा और गुड़ की खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है, और दूध-दही की बुकिंग भी शुरू...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाSat, 11 Jan 2025 03:20 PM
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मकर संक्रांति बाजार : चूड़ा की कुटाई शुरू, गलियों में फैलने लगी सोंधी महक

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। किसान नई उपज को खलिहान से घर ला चुके हैं। कुछ लोग क्रय केंद्र पर और बचे धान को व्यापारियों के हाथों बेच रहे हैं। मकर संक्रांति पर्व तीन दिन शेष रह गए हैं। इस पर्व पर नए धान का चूड़ा, दही, तिलवा, गुड़ खाने व दान करने की परम्परा रही है। कुछ लोग बाजार से खरीदकर तो कुछ मिल से कुटवाकर मकर संक्रांति पर्व पर दही-चूड़ा का प्रसाद खाते हैं। पर्व के अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। इसको लेकर ग्रामीण सोनम, सोनाचूर, गोविंदभोग व कतरनी आदि तमाम प्रभेद के धान को पानी में पूरी रात भींगोकर दिन में मिल में जा कर चूड़ा कुटवा रहे हैं। चूड़ा कुटवाने के लिए मिल में लोगों की कतार लग रही है। इसलिए कहीं-कहीं देर रात तक मिल से खटखट की आवाज आ रही है। चूड़ा की सोंधी महक गलियों से होकर सड़कों पर फैल रही है। मकर संक्रांति यानी खिचड़ी के पर्व पर दही-चूड़ा-गुड़ खाने की परम्परा रही है। लोग चूड़ा के साथ तिलवा, तिलकुट, मस्का भी खाते हैं। इन चीजों का जरूरतमंदों के बीच दान करने का भी रिवाज है। इस पर्व की सबसे अहम परंपरा बेटी-बहुओं के घर खिचड़ी संदेश पहुंचाने की है। मकर संक्रांति पर्व से पहले घर के लोग मायके में रह रही बहू व ससुराल में रहनेवाली बेटी के घर साड़ी, शृंगार सामग्री, चूड़ा, तिलकुट, मिठाई, मस्का, तिलवा आदि पहुंचाते हैं, जिसे खिचड़ी संदेश कहते हैं। इसको लेकर बाजार में खरीदारी परवान पर है। मकर संक्रांति से पूर्व बाजार में आई जान मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को है। इसको लेकर बाजारों में अभी से ही चहल-पहल बढ़ गई है। पर्व की तैयारी को लेकर लोग आवश्यक सामग्री की खरीदारी में जुट गए हैं। इस त्योहार में तिलकुट से बने समान के अलावा चूड़ा, गुड़, दूध, दही की मांग अचानक बढ़ जाती है। बाजारों में खरीदारी परवान पर है। खरीदार पर्व के उत्साह में खुश हैं तो विक्रेता अच्छी बिक्री से खुश दिख रहे हैं। इस बार तिलकुट और तिल से बने समानों के दामों में वृद्धि देखी जा रही है। बाजार में तिलकुट के अलग-अलग किस्म उपलब्ध हैं। गुड़ और तिल से बनने वाला मस्का ग्रामीण लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। दूध-दही के लिए अभी से ही लोग करा रहे बुकिंग दही और दूध के लिए होने वाली खींचतान को देखते हुए अनेक लोग अभी से ही सुधा काउंटर के अलावा विभिन्न खटालों में बुकिंग करा रहे हैं। त्योहार के एक-दो दिनों पहले से ही बाजार में दूध और दही की भारी किल्लत हो जाती है जिससे पर्व में लोगों को खलल झेलनी पड़ती है। लोग इससे बचना चाहते हैं। हालांकि पर्व से दो दिनों पूर्व दूध और दही की बुकिंग सबसे अधिक होगी। सुधा काउंटर के संचालक सोहन कुमार मंटू ने बताया मकर संक्रांति को लेकर सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुणा तक अधिक बुकिंग होती है। कई लोग अभी से ही काउंटर पर आने लगे हैं ताकि पहले की बुकिंग रहने पर सामग्री मिलने की गारंटी रहेगी। ------------------- 15 जनवरी को मनाएंगे खिचड़ी नवादा। इस बार मकर संक्रांति के बाद खिचड़ी की परम्परा 15 जनवरी को निभाई जाएगी। इसको लेकर लोगों की तैयारियां परवान पर है। चावल तो घर का होगा ही जबकि दालें भी कोठी से निकल जाएगी। सब्जी उत्पादक किसानों के लिए तो सब्जियां भी घर की ही होंगी लेकिन बाजार से खरीदारी करने वालों के लिए इस बार ऐन खिचड़ी से पूर्व सब्जी बाजार भी एकदम अनुकूल हो चली है। वर्तमान में बेहतर और बड़े साइज की फूलगोभी दस रुपए में मिल जा रही है जबकि हरी मटर 50 रुपए प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है। टमाटर 20 रुपए प्रति किलो की दर से बाजार में मिल रहे हैं। ऐसे में इस बार का खिचड़ी पर्व नई सब्जियों के स्वाद से और भी ज्यादा बेहतर होने की संभावना है।

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