Hindi NewsBihar NewsNawada NewsIllegal mining of sand continues in the district loss of crores every month

जिले में जारी है बालू का अवैध खनन, हर माह करोड़ों का नुकसान

वर्तमान में सरकारी राजस्व का एक महत्वपूर्ण शृोत बालू का कारोबार बेहद संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना महामारी काल में बालू की मांग घटने से जहां कारोबार 60 फीसदी घाटे में चल रहा है और 59 में से महज...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाFri, 21 May 2021 02:00 PM
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नवादा। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

वर्तमान में सरकारी राजस्व का एक महत्वपूर्ण शृोत बालू का कारोबार बेहद संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना महामारी काल में बालू की मांग घटने से जहां कारोबार 60 फीसदी घाटे में चल रहा है और 59 में से महज 15-20 बालू घाटों पर ही खनन व परिवहन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर बालू माफियाओं द्वारा जिले में बालू का लगातार अवैध खनन किया जा रहा है। अवैध खनन से सरकारी राजस्व को हर माह करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। यूं तो जिले के कई घाटों व बंद पड़े घाटों से बालू का अवैध खनन हो रहा है। परंतु वारिसलीगंज थाना क्षेत्र बालू का हॉट स्पॉट बना है। वारिसलीगंज के कोचगांव, मंजौर, दोसुत, दरियापुर, चंडीपुर, मसनखामां, भागवत बिगहा, नारोमुरार, मननपुर, मुरार बिगहा समेत कई अन्य गांवों में खुलेआम दिनदहाड़े अवैध खनन कर बालू का भंडारण किया जा रहा है और भंडारण स्थल से प्राय: हर रोज रात में सैंकड़ों ट्रकों व हाईवा पर लोड कर बालू दूसरे जिले में भेजा जा रहा है। इसके अलावा कादिरगंज ओपी क्षेत्र का पौरा व सोनू बिगहा, नवादा का लोहानी बिगहा व नारदीगंज का बंद पड़ा अषाढ़ी घाट समेत हिसुआ, सिरदला, कौआकोल आदि बालू घाटों से बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। परंतु इसे रोक पाने में पुलिस व प्रशासन अथवा खनन विभाग सक्षम नहीं हो पा रहा है। इस मामले में लोकल पुलिस सहित कई सफेदपोशों पर बालू माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। जिसके कारण बालू माफियाओं के हौसले लगातार बढ़ रहे हैं।

शाहपुर का इलाका रेड कॉरिडोर

शाहपुर ओपी का इलाका अवैध बालू परिवहन का रेड कॉरिडोर बना है। इस मार्ग से बालू माफिया रात में सैंकड़ों बालू लदे ट्रकों को दूसरे जिलों में भेजते हैं। कादिरगंज और वारिसलीगंज से लोड होकर निकलने वाले ट्रक कतरीसराय के रास्ते इसी मार्ग से निकलते हैं। कतरीसराय में सकरी नदी में पुल के दोनों किनारों पर दिन भर बालू का अवैध खनन किया जाता है व शाहपुर मार्ग से इसका परिवहन किया जाता है। गिरियक की ओर से भी ट्रकों के बालू लोड कर इसी मार्ग से निकलने की सूचनाएं मिलते रही है।

परिवहन नियमों से घाटे में कारोबार

बालू का कारोबार परिवहन नियमों में बदलाव के कारण पिछले कुछ महीनों से प्रभावित चल रहा है। नवादा जिले में बालू का कारोबार निर्यात पर टिका है। यहां स्थानीय स्तर पर जितनी बालू की खपत होती है, उसका कई गुणा बालू दूसरे शहरों में निर्यात किया जाता है। नवादा की नदियों की बालू की अच्छी क्वालिटी के कारण यहां का बालू पटना, समस्तीपुर, मोकामा, बरौनी, बेगुसराय, लखीसराय, सिकंदरा आदि कई जिलों में निर्यात किया जाता है। बड़े ट्रकों से अच्छी-खासी ढुलाई के कारण जिले का बालू कारोबार सफल था और सरकार को भी इससे काफी राजस्व का मुनाफा मिलता था। परंतु सरकार द्वारा 12 चक्का से अधिक क्षमता वाले ट्रकों से बालू की ढुलाई पर रोक के बाद से बालू का निर्यात ठप पड़ गया। कारोबारियों के मुताबिक अधिक दूरी तक जाने के लिए 14 चक्का ट्रक ही मुफीद साधन था, जिससे लोगों को बालू निर्यात में कम खर्च आता था।

2020 से अवधि विस्तार पर कारोबार

नवादा जिले में बालू का कारोबार जनवरी 2020 से अवधि विस्तार पर चल रहा है और वर्तमान में इसे सितम्बर 2021 तक सशर्त अवधि विस्तार प्राप्त है। इस दौरान बालू के पट्टा धारक नवादा की कम्पनी जय माता दी इंटरप्राइजेज को पूर्व निर्धारित लीज की राशि का 50 फीसदी अधिक राशि समय पर जमा करने का निर्देश है। बता दें कि नई बालू नीति के तहत दिसम्बर 2019 में बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए ऑनलाइन निविदा करायी गयी थी। 65 करोड़ 40 लाख में 07 उच्चतम बोली वालों के नाम निविदा निर्धारित कर दी गयी थी। परंतु पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बालू घाटों की नई नीति से हुई बंदोबस्ती को स्वीकार नहीं किया व इस पर रोक लगा दिया। मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। जिले में बालू की आपूर्ति प्रभावित न हो इसके लिए सरकार पुराने पट्टा धारक को उस समय से अवधि विस्तार दे रही है।

परवान चढ़ रहे बालू माफियाओं के हौसले

जिले में बालू का अवैध खनन संगठित अपराध का रूप ले चुका है। करोड़ों की काली कमाई में संलिप्त अपराधी हथियारों समेत हर संसाधनों से लैस हो चुके हैं। यही कारण है कि कार्रवाई के बाद भी बालू माफियाओं का हौसला कम होने की बजाय और बढ़ता जा रहा है। 18 मई की रात वारिसलीगंज के सौर चंडीपुर में पुलिस व खनन टीम पर हमला व फायरिंग बालू माफियाओं के परवान चढ़ रहे हौसले का ही परिणाम है। इससे पूर्व भी कई बार पुलिस व खनन टीम पर बालू माफियाओं ने हमला किया। पुलिस द्वारा कार्रवाई की गयी, परंतु लगातार बढ़ रही कमायी के कारण माफियाओं के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।

वारिसलीगंज हमले में खनन व भादवि में प्राथमिकी

वारिसलीगंज के चंडीपुर गांव के समीप पुलिस व खनन टीम पर हमले में सहायक खनन निदेशक द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में खनन अधिनियम के अलावा भारतीय दंड विधान की धाराओं के तहत अपराधियों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है। प्राथमिकी में बिना लाइसेंस के अवैध खनन व भंडारण तथा परिवहन करने समेत पर्यावरणीय क्षति पहुंचाने के आरोप लगाये गये हैं। इनके विरुद्ध मिनरल माइन्स एक्ट 1957 की धारा 04 व बिहार मिनरल एक्ट 2019 के नियम 11 व 23 के उल्लंघन तथा धारा 21 व नियम 56 के तहत प्राथमिकी दर्ज है तथा पर्यावरणीय संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के उल्लंघन का भी आरोप है। साथ ही पुलिस पर जानलेवा हमला करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने के भी आरोप हैं। मामले में 08 नामजद व 30-35 अज्ञात समेत वाहनों के मालिक व चालकों को भी आरोपित किया गया है। बता दें कि 18 मई की रात करीब 09 बजे अवैध खनन व भंडारण को लेकर छापेमारी करने गयी पुलिस व खनन टीम पर चंडीपुर गांव के समीप 30-40 की संख्या में अपराधियों ने हमला कर दिया व गोलीबारी कर जेसीबी व एक बालू लदे ट्रक को छुड़ाकर ले भागे। पुलिस को भी आत्म रक्षार्थ तीन राउंड फायरिंग करनी पड़ी। हमले में दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। पुलिस ने एक हाईवा जब्त कर लिया, जिसका नंबर बीआर 21- 9022 बताया जाता है।

वर्जन

अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस व खनन विभाग द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स भी गठित है, जिसके द्वारा लगातार कार्रवाई की जाती है। वारिसलीगंज में कुछ जगहों पर भंडारण की सूचना मिली थी, जिस पर कार्रवाई की गयी।

विजय प्रसाद सिंह,सहायक खनन निदेशक नवादा।

पुलिस पर हमले की घटनाएं

16 जुलाई 2019

वारिसलीगंज थाने के मंजौर गांव में अवैध खनन रोकने के लिए छापेमारी करने गयी पुलिस को बालू ले जा रहे माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की। पुलिस तो किसी प्रकार बचकर निकली परंतु माफिया इस बीच से तीन बालू लदे ट्रैक्टर व दो इंजन छुड़ाकर भाग निकले। घटना के बाद एसडीपीओ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस को देख माफिया भाग निकले। पुलिस तीन बालू लदे ट्रैक्टर व दो डाला जब्त कर लिया।

01 मार्च 2019

वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के बरनावां पंचायत के भागवत बिगहा बधार में बालू के अवैध खनन व परिवहन की सूचना पर छापेमारी के लिए पहुंची पुलिस पर बालू माफियाओं ने हमला कर दिया। घटना में वारिसलीगंज थाने के एक एएसआई घायल हो गये। मौके पर पहुंची अतिरिक्त पुलिसबल की मदद से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया।

27 नवम्बर 2020

हिसुआ के चंद्रशेखर नगर में बालू माफियाओं ने छापेमारी के लिए गई पुलिस व खनन विभाग की संयुक्त टीम पर हमला बोल दिया। घटना के वक्त टीम ढाढर नदी के बेलारू घाट से अवैध रूप से बालू का उठाव कर ले जा रहे ट्रैक्टर जब्त कर हिसुआ थाने ला रही थी। हमले में पुलिस के दो जवान घायल हो गये, जबकि पुलिस ने खदेड़कर चार लोगों को पकड़ लिया।

पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई

12 मई 2020

जिला मुख्यालय के निर्देश पर गठित खनन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा बड़ी कार्रवाई कर वारिसलीगंज के भागवत बिगहा गांव के समीप से एक जेसीबी समेत चार वाहनों को जब्त किया गया। तीन लोगों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। जब्त किये गये वाहनों में एक जेसीबी, दो ट्रक व एक ट्रैक्टर शामिल थे। वारिसीलीगंज थाने में वाहनों के मालिक तथा चालकों के विरुद्ध मामला दर्ज है।

10 अगस्त 2020

हिसुआ थाने के हदसा गांव स्थित ढाढ़र नदी बालू घाट से खनन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध बालू खनन में जुटे छह ट्रैक्टरों को छापेमारी कर जब्त कर लिया। मौके से एक ट्रैक्टर ड्राइवर को खदेड़कर गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि अन्य बालू माफिया व ट्रैक्टर ड्राइवर, मजदूर आदि पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग निकले।

13 अक्टूबर 2020

पुलिस व खनन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में अवैध बालू खनन करने में जुटे नौ ट्रैक्टरों समेत 12 वाहनों को जब्त कर लिया गया। मौके से दो खनन माफियाओं को गिरफ्तार किया गया। मुफस्सिल थाने के तेतरिया बालू घाट पर अवैध खनन करने की सूचना पर छापेमारी की गयी। माफियाओं द्वारा विरोध किया गया, पर पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।

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