भानेखाप में चल रहा अभ्रक का अवैध उत्खनन
रजौली के भानेखाप स्थित अभ्रक खदान में अवैध उत्खनन जारी है। स्थानीय मजदूर जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। वन विभाग की कार्रवाई कमजोर होने से माफिया सक्रिय हो गए हैं, जिससे अवैध खनन बढ़ गया है। इससे...
रजौली, एक प्रतिनिधि थाना क्षेत्र के भानेखाप स्थित अभ्रक खदान में अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय मजदूर जान जोखिम में डाल कर अवैध खनन में जुटे हुए हैं। वन विभाग की कार्रवाई शिथिल पड़ने के बाद माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। गौरतलब है कि भानेखाप में पूर्व में बड़े पैमाने पर अभ्रक का अवैध उत्खनन किया जाता था। लगातार कार्रवाई के बाद यह बंद हो गया था। स्थानीय मजदूर ढिबरा चुनने में लगे रहे। लेकिन हाल के दिनों में माफिया के सक्रिय होने के कारण अवैध उत्खनन में तेजी आ गई है। सूत्र बताते हैं कि अभ्रक को सूअरलेटी, मेरमो, कुंभियातरी गांव के घरों में स्टॉक कर रखा जा रहा है। फिर झारखंड के कोडरमा, तिलैया समेत अन्य स्थानों पर मोटी रकम में बेची जा रही है। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। बता दें कि अवैध खनन के कारण चाल धंसने से मौत की घटनाएं भी सामने आती रही हैं। हाल में 23 अक्टूबर को भी एक नाबालिग की दबकर मौत हुई थी। लेकिन मामला दब गया था और माफिया से रुपये लेकर परिजनों ने चुप्पी साध ली थी। इस संदर्भ में वनों के क्षेत्र पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि अवैध अभ्रक खनन को रोकने के लिए छापेमारी की जाएगी। ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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