शिक्षा से वंचित बच्चों का सरकारी स्कूलों में कराएं नामांकन
नवादा के सरकारी स्कूलों में अनामांकित बच्चों का नाम लिखाने को लेकर अभियान जारी है। जिले में उत्सवी माहौल बनाकर बच्चों के नामांकन को लेकर अभिभावकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभिभावकों और नागरिकों...
नवादा। हिन्दुस्तान संवाददाता
नवादा के सरकारी स्कूलों में अनामांकित बच्चों का नाम लिखाने को लेकर अभियान जारी है। जिले में उत्सवी माहौल बनाकर बच्चों के नामांकन को लेकर अभिभावकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभिभावकों और नागरिकों से अपील है कि स्कूली शिक्षा से वंचित बच्चों का सरकारी स्कूलों में नामांकन कराएं। बुधवार को डीएम यश पाल मीणा ने जिलेवासियों के लिए यह संदेश दिया। कलेक्ट्रेट स्थित समाहरणालय सभा कक्ष में डीएम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को ब्रीफ कर रहे थे। डीएम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएं। शिक्षा विभाग प्रवेशोत्सव विशेष नामांकन अभियान चलाकर अधिक-से-अधिक अनामांकित बच्चों को स्कूलों से जोड़ने को प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी, शिक्षा स्वयंसेवक, तालीमी मरकज, जीविका दीदी, विकास मित्र जैसे तंत्र के माध्यम से जिले के 16532 अनामांकित बच्चों को चिन्हित किया गया है। डीएम ने बताया कि इन बच्चों का नामांकन उनके नजदीकी स्कूलों में उनकी उम्र के हिसाब से सापेक्ष कक्षा में कराया जायेगा। जिले के सभी कोटि के 1732 स्कूलों में बच्चों का नाम लिखाने की प्रक्रिया जारी हैं।
प्रत्येक स्कूल को मिला है नामांकन का लक्ष्य
जिले के सभी 06 साल से अधिक उम्र के बच्चे, जो स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। वैसे अनामांकित और छीजित बच्चों के सर्वेक्षण का काम आंगनबाड़ी, जीविका, अल्पसंख्यक कल्याण, खनन, पंचायती राज और शिक्षा विभाग द्वारा कराया गया है। पहले चरण के तहत जिलेभर में घर-घर अभियान चलाकर अनामांकित और छीजित बच्चों की सूची तैयार की गई है। 08 मार्च को प्रारम्भिक, मध्य और माध्यमिक स्कूलों से शिक्षकों की अगुवाई में प्रभातफेरी, रैली और माईकिंग कराकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कड़ी में विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक बुलाई गई। जिसमें सदस्यों को क्षेत्र के छूटे बच्चों का नाम स्कूलों में लिखाने के लिए वातावरण बनाने और अभिभावकों को प्रोत्साहित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। स्कूलों में अनामांकित बच्चों का नामांकन कार्य जारी है। डीएम ने बताया कि प्रतिदिन 08 से 09 सौ बच्चों का नामांकन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के बच्चे, जो सरकारी स्कूलों में आना चाह रहे हैं। वे भी नामांकन कराना सकते हैं।
संकल्प पत्र के माध्यम से भी फैला रहे जागरूकता
प्रवेशोत्सव विशेष नामांकन अभियान को लेकर शिक्षा विभाग नागरिकों और अभिभावकों को दृढ़ संकल्पित करा रहा है। स्वयं के बच्चों के साथ-साथ पास-पड़ोस के बच्चों को नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित कराने, स्कूलों को अपने स्कूल के तौर पर विकसित कराने में सहयोग देने और स्कूल के भौतिक और शैक्षणिक माहौल में गुणात्मक सुधार लाकर उनको उत्कृष्ट बनाने का शपथ दिलाने का काम जारी है। डीएम ने समाज के बुद्धिजीवी तबके से अपील की है कि आस-पड़ोस के वैसे बच्चे, जो बाल मजदूर तो नहीं हो। बल्कि कामकाजी हो और स्कूली शिक्षा से वंचित हो, उनके नामांकन पर जोर दें। ईंट-भट्ठा, होटल-ढाबा, गिट्टी-छर्री क्रशर आदि में कार्यरत अनामांकित बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूलों में नामांकन दिलाने की पहल की गई है। मीडिया ब्रीफ के दौरान डीडीसी वैभव चौधरी, सिविल सर्जन डॉ. विमल प्रसाद सिंह, एडीएम उज्ज्वल कुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, समग्र शिक्षा डीपीओ मो. जमाल मुस्तफा, संभाग प्रभारी उदय शंकर सहित प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पत्रकार और छायाकार मौजूद थे।
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