कौआकोल : राजकीय इंटर विद्यालय में संसाधन मौजूद पर कई विषयों में शिक्षक नहीं
कौआकोल के राजकीय इंटर विद्यालय में सभी संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को शिक्षा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में 1770 छात्र हैं, लेकिन 13 माध्यमिक और...

कौआकोल, एक संवाददाता प्रखंड के राजकीय इंटर विद्यालय कौआकोल में सभी संसाधन मौजूद रहने के बावजूद वहां के छात्र शिक्षकों की कमी को झेलने को विवश हैं। जिसके चलते छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। अपने जमाने का यह विद्यालय शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में मशहूर रहा है। निर्माण काल में इस विद्यालय को लोग हाई स्कूल कौआकोल के नाम से जानते थे। इस विद्यालय की स्थापना 1957 ई. में हुई थी। विद्यालय के निर्माण के लिए कौआकोल के ही उस जमाने में मुखिया रहे तेतर साहू ने जमीन की दान दी थी तथा रामरुप प्रसाद वियोगी जो उस वक्त इस विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर थे उन्होंने क्षेत्र में घूम घूमकर चंदा कर भवन के निर्माण में सहयोग करने का काम किया था। उस वक्त यह विद्यालय कमेटी पर चलता था। भवन पूर्ण रूप से खपरैल ही था तथा कमरों की संख्या सात थी। पर उस समय के खपरैल और संसाधनों की कमी के बावजूद जो यह विद्यालय ने ख्याति प्राप्त किया शायद अब मुश्किल सा प्रतीत होता है। हालांकि अभी भी इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्र कभी इंटर तो कभी मैट्रिक में जिले व प्रदेश में टॉपर होने की उपलब्धि हासिल करने में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। 2010 में इसे उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है। आलीशान भवन तो बना, पर शिक्षक की बनी है कमी आलीशान भवन का निर्माण भी हुआ, पर शिक्षक की उपलब्धता नहीं कराई जा सकी। अनुशासन और पढ़ाई के क्षेत्र में यह विद्यालय जिलेभर में अपना स्थान रखता था। उस समय इस विद्यालय में छात्रों की संख्या काफी होती थी। चूंकि उस समय विद्यालयों की संख्या कम होती थी। अभिभावक अपने बच्चों को उसी विद्यालयों में नामांकन कराना चाहते थे, जिस विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था का प्रबंध अच्छा होता था। उस समय विद्यालय की कमान विभिषण बाबू के हाथों हुआ करता था। जिनकी पढ़ाई से लेकर अनुसासन के लिए क्षेत्र में तूती बोलती थी। उस वक्त रुटीन के अनुसार वर्ग का संचालन होता था। उस दौर में बड़ी संख्या में छात्रों ने मेडिकल, इंजीनियरिंग, साइंटिस्ट, प्रशासन तथा शिक्षा आदि के क्षेत्रों में सफलता का परचम लहराया। यहां से पढ़ाई कर कई विद्यार्थी बड़े बड़े ओहदे पर हैं। विदेशों में भी अपनी परचम लहराने का काम कर रहे हैं। विद्यालय में नहीं हैं कई विषयों के शिक्षक शैक्षिक वर्ष 2024-25 में विद्यालय में छात्र छात्राओं की संख्या 1770 है। माध्यमिक में 13 पदों के अनुपात में सिर्फ 8 शिक्षक मौजूद हैं तथा 4 पद रिक्त पड़ा हुआ है। इसी प्रकार उच्च माध्यमिक में 22 पद सृजित हैं जबकि 11 शिक्षक उपलब्ध हैं तथा 11 सीटें रिक्त हैं। विद्यालय में प्लस टू के भौतिकी, रसायन विज्ञान, भूगोल, इतिहास, बिजनेस स्टडीज, इंटरप्रेन्योरशिप, राजनीतिक विज्ञान तथा संस्कृत के पद रिक्त हैं। इन विषयों के शिक्षकों के अभाव में इन विषयों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। जबकि माध्यमिक के वर्गों में गणित, अंग्रेजी एवं उर्दू के शिक्षक नहीं रहने से छात्र छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। वर्जन शिक्षकों की अनुपलब्धता के बावजूद विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है। विद्यालय में पठन पाठन में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। श्याम कुमार वर्मा, प्रभारी प्राचार्य राजकीय इंटर विद्यालय कौआकोल।
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