लोन के नाम पर ठगी मामले में एक साइबर अपराधी गिरफ्तार
नवादा में पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के एक साइबर अपराधी शौर्य कुमार को गिरफ्तार किया है। वह सरकारी और निजी कंपनियों के नाम पर लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ठग रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ कई...

नवादा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सरकारी व निजी फायनेंस कम्पनियों का झांसा देकर लोन दिलाने के नाम पर विभिन्न राज्यों के उपभोक्ताओं से लाखों की ऑनलाइन ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक साइबर अपराधी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। साइबर पुलिस की एसआईटी ने शनिवार की दोपहर तकनीकी सर्विलांस व मानवीय इंटेलिजेंस की मदद से जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के सौर गांव स्थित बगीचे में छापेमारी कर आरोपित को दबोच लिया। घटना के वक्त वह अपने साथियों के साथ ऑनलाइन ठगी में लिप्त था। गिरफ्तार आरोपित 21 वर्षीय शौर्य कुमार वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के सौर गांव के महेश प्रसाद सिन्हा का बेटा बताया जाता है। उसके पास से तीन मोबाइल बरामद की गयी है। इनके नंबरों पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर ठगी की विभिन्न शिकायतें दर्ज बतायी जाती हैं। नंबरों की ट्रैकिंग से हुई गिरफ्तारी पुलिस के मुताबिक अपराधियों के मोबाइल नंबर भारत सरकार के केन्द्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर द्वारा विकसित प्रतिबिंब पोर्टल पर उपलब्ध कराये गये थे। मोबाइल नंबरों की ट्रैकिंग से प्राप्त लोकेशन के आधार पर एसआईटी ने सौर गांव में छापेमारी की। पुलिस के मुताबिक घटना के वक्त कई अपराधी बगीचे में मौजूद थे। परंतु पुलिस को देखते ही सभी अपराधी भागने लगे। इनमें से एक अपराधी को पुलिस ने घेरकर दबोच लिया। जबकि अन्य भाग निकले। गिरफ्तार अपराधी की निशानदेही पर कई घरों में छापेमारी की गयी। परंतु किसी अन्य की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। मेटा एप से निकालते थे डेटा बताया जाता है कि अपराधी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि विभिन्न सरकारी व प्राइवेट फायनेंस कम्पनियों से लोन देने के नाम पर भोले-भोले लोगों को प्रलोभन देकर ठगी की जा रही थी। अपराधी के मुताबिक वे लोग विभिन्न सरकारी योजनाओं मसलन प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (मुद्रा फायनेंस), प्रधानमंत्री स्व निधि योजना आदि से लोन लेने वाले आवेदकों का नाम, पता व मोबाइल नंबर मेटा एप यूज कर निकालते थे। इसके बाद वे लोग उन्हें फोन करते थे और झांसा देकर ठगी करते थे। इसके अलावा अपराधियों द्वारा विभिन्न सोशल साइट्स पर सस्ते दर पर लोन दिलाने का एडवरटाईजमेंट लगाया जाता था। जिसके झांसे में आकर लोग अपराधियों के चंगुल में फंस जाते थे। जाल में फंसने के बाद लोन प्रोसेसिंग फी व अन्य मदों के नाम पर उपभोक्ताओं से रुपये लेकर विभिन्न बैंक अथवा यूपीआई में ट्रांसफर करा लिये जाते थे। तीन आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित ने अपने दो अन्य साथियों के नाम बताये हैं। आरोपित के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर इस मामले में तीन आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। मामले में 19 अप्रैल को दर्ज साइबर थाना कांड संख्या- 47/25 में धोखाधड़ी व आईटी एक्ट समेत बीएनएस की विभिन्न धाराओं में आरोप लगाये गये हैं। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपित को जेल भेजने की तैयारी कर रही है। वहीं आरोपित की निशानदेही पर मिले साक्ष्यों के आधार पर मामले में लिप्त अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। मोबाइल से ठगी के कई डेटा बरामद पुलिस के मुताबिक अपराधी के पास से जब्त तीन मोबाइल से उपभोक्ताओं से ठगी से संबंधित कई डेटा बरामद किये गये हैं। इनमें कई उपभोक्ताओं के नाम, पता के अलावा उनसे ठगी गयी रकम का भी डेटा शामिल हैं। पुलिस डेटा के आधार पर मामले में अग्रेतर अनुसंधान कर रही है। एसआईटी द्वारा की गयी कार्रवाई मामले में कार्रवाई के लिए साइबर पुलिस की एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी में साइबर थाने के पुलिस इंस्पेक्टर पंकज कुमार सैनी, इंस्पेक्टर विजय कुमार, पीटीसी नितेश कुमार, सिपाही कृष्णा कुमार, सिपाही श्यामदेव मंडल, महिला सिपाही रूपम कुमारी व चालक सिपाही पीयूष कुमार के अलावा पुलिस लाइन की स्वॉट टीम शामिल थी। वर्जन प्रतिबिंब पोर्टल पर मिले नंबरों की ट्रैकिंग के आधार पर वारिसलीगंज के सौर गांव स्थित बगीचे में छापेमारी की गयी। एक आरोपित को मौके से गिरफ्तार किया गया। आरोपित व इनके साथियों द्वारा विभिन्न फायनेंस कम्पनियों के नाम पर लोन का झांसा देकर ठगी की जा रही थी। अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। ----------------- प्रिया ज्योति, साइबर डीएसपी नवादा।
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