बच्चे हर शनिवार टीवी पर सीखेंगे जोखिम पहचानने के गुर
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ एवं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वित के संयुक्त प्रयास से शनिवार को सुबह 9 से 10 बजे तक डीडी बिहार पर मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम...
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ एवं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वित के संयुक्त प्रयास से शनिवार को सुबह 9 से 10 बजे तक डीडी बिहार पर मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (सुरक्षित शनिवार) से संबंधित कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। बच्चों को आपदाओं से बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई।
डीपीओ समग्र शिक्षा मो. जमाल मुस्तफा ने बताया कि कार्यक्रम का प्रसारण लॉकडाउन में भी छात्र-छात्राओं को आपदाओं से बचाव के तरीकों को सिखाने के लिए किया जा रहा है। आसपास एवं स्कूल में हजार्ड हंट यानि जोखिमों को पहचान करने एवं योजना बनाने के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों से सवाल-जवाब भी किया गया। इस कार्यक्रम का प्रसारण प्रत्येक शनिवार को तय समय पर डीडी बिहार पर किया जाएगा।
डीडी बिहार पर चल रहा शैक्षणिक प्रसारण
डीडी बिहार पर मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय अभियान के तहत नौवीं व दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को घर बैठे पढ़ाया जा रहा है। लॉकडाउन में डीडी बिहार पर सिलेबस के अनुसार बच्चों को पढ़ाई हो रही है। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदा और मानव जनित आपदा में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। आपदा से पूरा समाज प्रभावित होता है और इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। आपदा कम करने लेकर शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया । अब सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चे आपदा का जोखिम कम करने से संबंधित टिप्स लेंगे।
आपदा में प्रभावित होती है बच्चों की शिक्षा
डीपीओ ने कहा कि सुरक्षित बिहार तभी होगा जब प्रत्येक नागरिक आपदाओं के जोखिम की पहचान, उनकी समझ एवं निपटने की क्षमता का विकास कर सकेंगे। किसी भी तरह की आपदा से स्कूली बच्चों एवं उनके शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बच्चों के लिए यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी है। बच्चों को आपातकालीन किट में रेडियो, टॉर्च, बैटरी, मजबूत रस्सी, माचिस, मोमबत्ती, पानी, सूखा भोजन व खाद्य सामग्री आदि हमेशा रखना चाहिए। इसके अलावा पॉलिथीन बैग या वाटरप्रूफ बैग में कपड़े, महंगे सामान, जरूरी दस्तावेज़, छाता, चीनी, नमक और मजबूत रस्सी व एक लंबी लाठी भी रखनी जरूरी है।
बच्चों को मॉक ड्रिल भी बताया गया
दूरदर्शन पर सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के दौरान बिजली कौंधने पर खुले आसमान के नीचे रहने पर घुटनों के बल उकड़ू बैठ जाना, भवनों में तड़ित चालक लगवाना, स्कूल व अस्पतालों में तड़ित चालक अनिवार्य रूप से लगाना, बारिश होने या बिजली चमकने पर किसी भी पेड़ के नीचे शरण नहीं लेना जैसे उपाय बताये गए। भूकंप, अगलगी और बाढ़ जैसी स्थिति में सावधानी बरतने की बारे बताया गया। टीवी के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा के समय जोखिम कम करने के गुर सीखे।
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