Hindi NewsBihar NewsNawada NewsCelebration of Ram Navami in Nawada with Religious Rituals and Flag Hoisting

जिले में धूमधाम से मनी रामनवमी, फहराए गए महावीरी पताके

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता।चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर जिले भर में घर-घर रामनवमी का त्योहार श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाMon, 7 April 2025 11:57 AM
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जिले में धूमधाम से मनी रामनवमी, फहराए गए महावीरी पताके

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर जिले भर में घर-घर रामनवमी का त्योहार श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। रामनवमी पर रवि पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि व सुकर्मा योग का दुर्लभ संयोग बन रहा था, जिसमें पूजन अति विशिष्ट हो गया। मान्यता है कि भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्याह्न 12 बजे हुआ था। इसी के अनुकूल श्रद्धालुओं द्वारा पूजन किया गया। इस बार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारम्भ 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर हो गया था जबकि 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहा। चूंकि मान्यता है कि भगवान राम का जन्म मध्याह्न मुहूर्त में हुआ था, ऐसे में राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11:25 बजे से दोपहर 01:54 बजे तथा राम नवमी मध्याह्न का क्षण दोपहर 12:40 बजे रहने पर इस अवधि में विधिपूर्वक पूजा की गयी। रामनवमी पर इस तरह के कई शुभ संयोग में भगवान राम का जन्मोत्सव मानने से शुभ फलों की प्राप्ति का योग और भी बढ़ गया। रामनवमी के दिन सच्चे मन से भगवान राम, हनुमान की पूजा कर भक्तों ने मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता का अनुसरण किया। शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए श्रद्धालुओं ने अपने घरों में सनातनी तरीके से पूजा-पाठ किए और फिर ध्वजारोहण किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम का जन्म हुआ था। इस कारण ही हर वर्ष चैत्र माह की नवमी तिथि पर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाने की परम्परा निभाई जाती है, जिसका नजारा रविवार को जिले भर में रहा। विधिपूर्वक की गयी पूजा व ध्वजारोहण श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजा कर ध्वजारोहण किया। सुबह जल्दी उठ कर दैनिक क्रिया करते हुए स्नानादि से निपट कर श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को जल अर्पित किया। पूजा का संकल्प लेते हुए दिनभर राम-सीता का जाप करते हुए शुभ मुहूर्त में भगवान राम की मूर्ति या प्रतिमा को प्रणाम कर उनका केसर से युक्त दुध से अभिषेक किया। इसके बाद भगवान राम को फूल, माला,अक्षत, चंदन और मिष्ठान अर्पित कर रामचरितमानस, रामायण, रामरक्षास्तोत्र, बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। अंत में भगवान राम की आरती करते हुए भगवान राम, माता सीता और हनुमानजी से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्राप्त किया। मौके पर मंत्र जाप करते हुए श्रद्धालुओं ने ऊँ श्री रामाय नमः॥ श्री राम जय राम जय जय राम॥ ऊँ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि,तन्नो राम प्रचोदयात्॥ का पाठ कर सर्वसिद्धि की मनोकामना की गयी। ------------------ विजय प्राप्त होने पर फहराई जाती है ध्वजा नवादा। हिन्दू समाज में घरों में स्वास्तिक या ऊं या रामभक्त हनुमान के नाम पर झंडा लगाने की परम्परा रही है। ऐसा इस रामनवमी पर भी किया गया। इसके पीछे मान्यता यह है कि इस झंडा के जरिए यश, कीर्ति, विजय और पराक्रम दूर-दूर तक फैलता है। इसीलिए पहले के जमाने में जब युद्ध में या किसी अन्य कार्य में विजय प्राप्त होती थी तो ध्वजा फहराई जाती थी। महावीरी ध्वज का सनातन धर्म में विशेष महत्व और आस्था है। ध्वज की छत्र छाया में पर्यावरण के शुद्धिकरण से सभी को लाभ मिलता है। शास्त्रों में भी ध्वजारोहण का विशेष महत्व बताया गया है। झंडा या पताका आयताकार या तिकोना होता है, जिस पर कुछ विशिष्ट धर्मों के चिन्ह बने होते हैं और जो किसी जाति, दल, राष्ट्र, संप्रदाय या समाज का प्रतीक चिह्न होता है। इस मान्यता के कारण ही श्रद्धालुओं ने घरों, मंदिरों, जुलूसों आदि में महावीरी पताका फहराया।

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