इस साल खूब बजेंगी शहनाईयां, आठ महीने में 75 शुभ मुहूर्त
नवादा में 2025 में विवाह के लिए 75 शुभ मुहूर्त होंगे। जनवरी में 16 तारीख से 10 शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। हिन्दू धर्म में विवाह को सात जन्मों का बंधन माना जाता है और इसका विशेष महत्व है। चार महीनों में...
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। चालू वर्ष 2025 में खूब शहनाईयां बजेंगी। इस वर्ष विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं। नए साल में विवाह के 75 शुभ मुहूर्त हैं। अभी जारी खरमास के जनवरी माह में 14 जनवरी को समाप्त होने के बाद से खासे लग्न हैं। 16 जनवरी से कुल 10 शुभ मुहूर्त में खूब बैंड, बाजा और बारात होंगे। हिंदू धर्म में विवाह सात जन्म का बंधन माना जाता है। इसे सर्वाधिक पवित्र काम में से एक होने की मान्यता है जबकि 16 संस्कारों में से इसका अति महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष खयाल रखा जाता है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में विवाह से वैवाहिक जीवन सुखी बनता है। आम सामाजिक धारणा है कि विवाह जीवन का सबसे खास समय होता है इसलिए इसे खास तरह से ही आयोजित करने का विधान है। सनातन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो कई प्रकार की परम्पराओं और मान्यताओं से समृद्ध है। इस परम्परा में से एक शुभ विवाह भी है, यह जीवन का सबसे खुशनुमा पल होता है। विवाह कई तरह से किए जाते हैं। प्रत्येक के अपने-अपने रीति-रिवाज और महत्व होते हैं। विवाह के बगैर कोई भी सनातनी व्यक्ति ग्रहस्थाश्रम में प्रवेश नहीं कर सकता है। इसलिए हिन्दू शास्त्रों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी माना गया है। शुभ मुहूर्त का है विशेष महत्व हिन्दू धर्म में कोई भी कार्य बिना शुभ मुहूर्त को जाने नहीं किया जाता है। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले उनका शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी होता है। खासतौर पर शादी, जो जीवन के सबसे महत्वपूर्ण समय में से एक है और यह हमारे शास्त्रों में वर्णित 16 संस्कारों का भी हिस्सा है। विवाह के लिए मुहूर्त का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका असर हमारे जीवन के साथ-साथ हर उस कार्य पर भी पड़ता है, जो उससे संबंधित है। हालांकि शुभ मुहूर्त के अलावा कई अबूझ मुहूर्त भी होते हैं लेकिन सनातनियों में सामान्यत: इनमें विवाह की परम्परा नहीं है। अप्रत्याशित मुहूर्त के रूप में ही इसका वरण किया जाता है। 05 अबूझ मुहूर्त में भी होते हैं विवाह, हैं कम ग्राह्य धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी, फुलेरा या फुलरिया दूज, अक्षय तृतीया और विजयादशमी जैसे पांच अबूझ मुहूर्त भी हैं। पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि इन पांच दिनों में कोई शुभ मुहूर्त न होने पर भी विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं क्योंकि इन मुहूर्तों को सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। हालांकि इन मुहूर्तों में सामान्यत: विशेष परिस्थितियों में ही विवाह सम्पन्न होते हैं। सामान्य गृहस्थ अबूझ मुहूर्त में विवाह से परहेज भी करते हैं क्योंकि माता सीता का विवाह अबूझ मुहूर्त में ही होने की गाथा है, जबकि माता सीता का वैवाहिक जीवन काफी कष्टप्रद रहा था। ऐसी किवंदित के कारण आम सामान्य गृहस्थ अबूझ मुहूर्त में वैवाहिक अथवा अन्य मांगलिक कार्यों संपादित करने से यथासंभव जरूर बचते हैं। ------------------- वर्ष 2025 में विवाह की शुभ तिथि : माह कुल तिथि जनवरी 10 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 व 27 फरवरी 14 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 व 25 मार्च 05 1, 2, 6, 7 व 12 अप्रैल 09 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 व 30 मई 15 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 व 28 जून 05 2, 4, 5, 7 व 8 नवंबर 14 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 व 30 दिसंबर 03 4, 5 व 6 ------------------- चार महीनों में नहीं है कोई भी शुभ मुहूर्त नवादा। जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि जून में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। देवोत्थान एकादशी के बाद श्रीहरि विष्णु शयन से जगेंगे तो नवंबर और दिसंबर में विवाह के शेष 17 शुभ मुहूर्त हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।