पर्यावरण के प्रभाव के मूल्यांकन की जरूरत
मुजफ्फरपुर में बीआरएबीयू के वनस्पति विज्ञान विभाग में 'एनवायरनमेंटल इंपैक्ट एंड एसेसमेंट' पर कार्यशाला आयोजित की गई। मुख्य वक्ता अबरारुल हक ने विभिन्न तकनीकों और उपकरणों के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव...
मुजफ्फरपुर। बीआरएबीयू के वनस्पति विज्ञान विभाग में एन इंट्रोडक्शन टू टूल्स एंड टेक्निक्स यूज्ड फॉर एनवायरमेंटल इंपैक्ट एंड एसेसमेंट विषय पर मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता अबरारुल हक, ग्रीन फील्ड एनवायरमेंट कंसल्टेंसी, सऊदी अरबिया के विशेषज्ञ ने एनवायरमेंटल इंपैक्ट एसेसमेंट की जरूरत व इसमें प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न पारामीटर्स के बारे में बताया। बताया कि कृषि प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने से पहले उस प्रोजेक्ट के चालू होने से उसका वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका आकलन किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं जल प्रदूषण है। उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने के लिए कई उपकरण और तकनीकें इस्तेमाल की जाती हैं, जिनमें पर्यावरण प्रभाव आकलन, पर्यावरण स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप, रिमोट सेंसिंग उपकरण, जीआई सिस्टम, ड्रोन, संवर्धित वास्तविकता जैसे उपकरण विनियमों और मानकों का पालन करते हुए अपने पर्यावरण प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
विभागाध्यक्ष प्रो. रंजना कुमारी ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और कहा कि उनके सारगर्भित वक्तव्य से शिक्षकों और छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिला है। पर्यावरण के क्षेत्र में आगे और भी वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे। मंच संचालन डॉ. गौरव पांडे एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीति किरण ने किया। मौके पर प्रो. नीलम कुमारी, डॉ. पूनम, डॉ. रितिका, डॉ. गौरव पांडे समेत स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं एवं शोधार्थी उपस्थित थे।
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