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जंक्शन पर ट्रैक मरम्मत के दौरान पैडल क्लिप छिटकने से गैंगमैन की मौत

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर शनिवार को रेललाइन की मरम्मत करते समय गैंगमैन मनीष कुमार (22) की एक दुर्घटना में मौत हो गई। पैडल क्लिप छिटककर उसकी आंख में लग गई जिससे वह बेहोश होकर गिर गया। उसे अस्पताल ले जाने पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 9 March 2025 04:28 AM
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जंक्शन पर ट्रैक मरम्मत के दौरान पैडल क्लिप छिटकने से गैंगमैन की मौत

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर शनिवार की दोपहर 12.40 बजे रेललाइन की मरम्मत कर रहे गैंगमैन मनीष कुमार (22) की पैडल क्लिप छिटकने से मौत हो गई। मनीष तुर्की थाना क्षेत्र के छाजन दुबियाही का रहने वाला था। तीन साल पहले उसकी नौकरी लगी थी। अगले 23 अप्रैल को उसकी शादी होने वाली थी।

बताते हैं कि मनीष आरपीएफ पोस्ट के सामने प्लेटफॉर्म एक और दो के बीच दो नंबर लाइन पर कर रहा था। इस दौरान हैमर मारने से छिटका पैडल क्लिक उसकी दाएं आंख में जा लगा। वह अचेत होकर गिर गया। आनन फानन में उसे ऑटो से जूरन छपरा स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। फिर शव को जंक्शन स्थित रेल अस्पताल लाया गया। परिजन भी जानकारी पर पहुंच गए। कागजी प्रक्रिया के बाद रेल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया।

रेल चिकित्सक डॉ. शालीग्राम चौधरी ने बताया कि पैडल क्लिप छिटककर चेहरे और आंख पर लगा था। अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं रेल थानेदार रंजीत कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को शव सौंप दिया गया है।

घर का एकलौता जो सरकारी नौकरी में था:

जंक्शन पर ग्रामीणों ने बताया कि मनीष परिवार में सबसे छोटा था। वह एकलौता नौकरी पेशा था। पिता दिलीप ठाकुर और बड़े भाई छोटू ठाकुर फर्नीचर का काम करते हैं। घटना के बाद पिता-मां के साथ बड़े भाई के साथ उसके होने वाले ससुराल पक्ष के लोग भी जंक्शन पर पहुंचे थे। बताया कि वह रोज अपने गांव से जंक्शन पर ड्यूटी करने आता था। शनिवार को भी वह बाइक से सुबह सात बजे ड्यूटी पर आया था।

बेटे का शव देख मां बेहोश, पिता की भी हालत खराब

मुजफ्फरपुर। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम मनीष कुमार का शव गांव छाजन दुबियाही पहुंचा। निजी एंबुलेंस से शव भेजा गया। मनीष का शव जैसे ही गांव पहुंचा, वहां चीख-पुकार मच गई। मां, भाभी और अन्य महिला रिश्तेदार उसके शव से लिपटर चित्कार करने लगी। पूरा गांव गमगीन हो गया था। मां बार-बार बेहोश हो जा रही थी। पिता भी सदमे में आ जा रहे थे, जिसे ग्रामीण व रिश्तेदार लगातार संत्वना दे रहे थे। देर रात मनीष के गांव के श्मशाम में अंतिम संस्कार किया गया।

तेज आवाज हुई और मनीष कराहते हुए गिर पड़ा

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता।

हादसे के समय मनीष के साथ काम कर रहे मेट शंभू ने बताया कि दोनों जंक्शन के रेललाइन संख्या दो पर पैडल क्लिप की जांच कर उसकी मरम्मत कर रहे थे। जांच के दौरान पता चला कि एक क्लिप टूटा है। दोनों मिलकर उसे दुरुस्त करने लगे। पहले 10-12 हैमर (हथौड़ा) मारकर उसे गर्म कर रहे थे ताकि क्लिप आसानी से निकल जाए। फिर नया क्लिप लगाया जाता। इसी बीच प्लेटफॉर्म दो पर एक ट्रेन आने लगी। शंभू ने बताया कि वह निगरानी करने लगा। इसबीच तेज आवाज हुई और मनीष कराहते हुए लाइन नंबर एक की ओर गिर गया। तब वह देखा कि मनीष की दाहिनी आंख बाहर निकली हुई है। वह बेहोश है। शंभू ने बताया कि उसने शोर मचाकर साथियों को बुलाया। फिर अधिकारियों को हादसे की सूचना दी।

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