2021 तक प्रादेशिक सैनिकों की संख्या एक लाख करने का लक्ष्य
प्रादेशिक आर्मी के प्रति लोगों का रूझान कम हुआ है। इसके प्रति जागरूक करना है। 2021 तक देश भर में प्रादेशिक आर्मी के सैनिकों की संख्या एक लाख से अधिक करने का लक्ष्य है। वर्तमान में करीब 85-90 हजार...
प्रादेशिक आर्मी के प्रति लोगों का रूझान कम हुआ है। इसके प्रति जागरूक करना है। 2021 तक देश भर में प्रादेशिक आर्मी के सैनिकों की संख्या एक लाख से अधिक करने का लक्ष्य है। वर्तमान में करीब 85-90 हजार हैं। उक्त जानकारी 151 इन्फेंट्री बटालियन (टीए) जाट के प्रभारी सीओ अजय कृष्ण ने दी। बुधवार को जाट रेजिमेंट के तत्वावधान में एलएस कॉलेज के सभागार में छात्रों के लिए ‘प्रादेशिक सेना जागरूकता व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छात्रों को संबोधित करते हुए प्रभारी सीओ ने कहा कि प्रतिवर्ष भारतीय सेना साल में छह सौ युवाओं को अधिकारी के पद पर भर्ती करती है।
इसके अलावा महिलाओं को भी शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत बहाल करती है। 151 इन्फेंट्री बटालियन (टीए) जाट के मेजर जगदीश ने छात्रों को सेना और प्रादेशिक सेना में बहाली, उसकी प्रक्रिया और फायदे के बारे में गिनाया। साथ ही छात्रों को कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) की परीक्षा में शामिल होने को लेकर प्रेरित किया। इस दौरान एनडीए, सीडीएस, शॉर्ट सर्विस कमीशन व प्रादेशिक सेना में बहाली के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मौके पर प्रभारी सीओ के अलावा एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश राय, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. ललित किशोर, डॉ. शैल कुमारी के अलावा प्रादेशिक आर्मी व एलएस कॉलेज के 200 से अधिक छात्र उपस्थित थे।
नवंबर-दिसंबर 2019 में हो सकती है सेना बहाली
चक्कर मैदान स्थित आर्मी भर्ती बोर्ड (एआरओ) के सहायक निदेशक सूबेदार सुशील कुमार ने जवान व जेसीओ के पद पर भर्ती प्रक्रिया को बताया। सहायक निदेशक ने बताया कि एनसीसी से ‘सी सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेटों के लिए सेना में विशेष छूट दी गई है। स्पोर्ट्समैन को भी छूट मिलती है। हर साल भर्ती बोर्ड विभिन्न श्रेणियों के लिए बहाली होती है। इस वर्ष नवंबर/दिसंबर में होने की संभावना है। हालांकि, अबतक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। छात्रों को बिचौलियों से भी दूरी बनाने की सलाह दी।
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