ऊंचाइयों को छू रहा हिन्दी रंगमंच
हिन्दी रंगमंच वर्तमान में पूरे विश्व में फैल हुआ है। रंगमंच के कलाकार इसे लगातार ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं और यही वजह है कि आज हिन्दी नाटक और रंगमंच लगातार कीर्तिमान बना रहा...
हिन्दी रंगमंच वर्तमान में पूरे विश्व में फैल हुआ है। रंगमंच के कलाकार इसे लगातार ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं और यही वजह है कि आज हिन्दी नाटक और रंगमंच लगातार कीर्तिमान बना रहा है। ये बातें बुधवार को राष्ट्रीय रंग लोक की ओर से आयोजित संगोष्ठी में डॉ. कुमार विरल ने कही। हिन्दी रंगमंच दिवस पर आयोजित इस संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि हिन्दी नाटकों के विकास को देखने से पता चलता है कि भारतेन्दु हरिशचन्द्र जैसे समर्पित विद्यानों ने इसे सींचा है। हिन्दी रंगमंच की अपनी शैली और मौलिक पहचान है। मौके पर रंगकर्मी सुमन वृक्ष ने कहा कि प्रेमचंद से लेकर तमाम बड़े साहित्यकारों-लेखकों की कहानियों पर आधारित नाटक का मंचन कर हमने हिन्दी रंगमंच को एक दिशा देने का प्रयास किया है। सूची रानी ने कहा कि हिन्दी रंगमंच को आधुनिक संदर्भ में और विकसित करने की जरूरत है। रंगकर्मी दीपक टंडेल ने रंगमंच के रास्ते में आ रही कठिनाइयों को साझा किया। मौके पर सुदर्शन, राजेश आदि ने विचार रखे।
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