इबादत से गुनाहों की होगी माफी, गरीबों की करें मदद
कोरोना को लेकर माह-ए-रमजान के तिसरे जुमा की नमाज भी अकीदतमंदों ने अपने-अपने घरों में अदा की। मस्जिद बंद रहने के कारण अपने-अपने परिवार के सदस्यों के...
कोरोना को लेकर माह-ए-रमजान के तिसरे जुमा की नमाज भी अकीदतमंदों ने अपने-अपने घरों में अदा की। मस्जिद बंद रहने के कारण अपने-अपने परिवार के सदस्यों के साथ अकीदतमंदों ने घरों में नमाज अदा की। अकीदतमंदों ने गुनाहों से छुटकारे के लिए माफी के अलावा देश-दुनिया में खुशहाली के लिए दुआ की।
माड़ीपुर स्थित मरकजी खानकाह व इदार-ए-तेगिया के गद्दीनशी शाह अलविउल कादरी ने कहा कि नमाज के बाद अकीदतमंदों ने दुनिया की सलामती व कोरोना से छुटकारे के लिए दुआ की। अल्लाह ने इस पाक महीने की दुआओं का जरिया बनाया है। इस महीने में गलतियों से तौबा अल्लाह कबूल करता है। मौजूदा अशरा में अधिक से अधिक इबादत करें।
गुनाहों के लिए माफी मांगे। अधिक लोगों की मदद करनी चाहिए। गरीब व मजबूर लोगों की हर तरह से मदद करें। ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए। जकात अदा करना, फितरा देना व गरीबों की मदद रोजेदार का फर्ज है। सेहरी व इफ्तार के साथ फर्ज को सिद्दत के साथ निभाए। इससे रोजेदारों की दुआ कबूल होती है।
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