किसी का नामांकन रद्द तो कोई परीक्षा से बाहर
मुजफ्फरपुर में, छात्रों ने सीयूईटी पास कर दिल्ली विश्वविद्यालय में पीजी कोर्स में दाखिला लिया, लेकिन बीआरएबीयू पार्ट थर्ड का रिजल्ट नहीं आया। इससे कई छात्रों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा। छात्रों ने...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) पास कर छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में पीजी कोर्स में नामांकन ले लिया, फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा का समय भी आ गया, लेकिन बीआरएबीयू पार्ट थर्ड का रिजल्ट नहीं दे पाया। नतीजतन इन छात्रों को परीक्षा से वंचित हो जाना पड़ा। बीआरएबीयू से स्नातक की पढ़ाई करने वाले दर्जनों छात्रों की यह पीड़ा है, जो शनिवार को आक्रोश के रूप में सामने आया। किसी का नामांकन रद्द कर दिया गया तो कोई परीक्षा से वंचित कर दिये गए।
विवि की लेटलतीफी ने इन छात्रों का भविष्य फंसा दिया है। अधिकारियों से छात्र इसे लेकर लगातार गुहार लगाते रहे हैं। शनिवार को भी कई छात्र-छात्राएं और अभिभावक विवि पहुंचे हुए थे। छात्र-छात्राओं ने कहा कि शपथ पत्र पर दाखिला मिला था। हमें बताया गया कि एक महीने में रिजल्ट आ जाएगा। सीयूईटी के माध्यम से इन छात्रों ने दिल्ली विवि के पीजी समेत अलग-अलग कोर्स में नामांकन लिया है।
पांच सितंबर को ही खत्म हो गई थी परीक्षा
स्नातक सत्र 2021-24 के अभ्यर्थियों का यह मामला है। तीसरे पार्ट का परीक्षा परिणाम अविलंब प्रकाशित करने को लेकर विवि अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया। एबीवीपी के दीपांकर गिरी, मयंक मिश्रा आदि ने कहा कि पांच सितंबर को ही परीक्षा समाप्त हो गई थी। परीक्षा कैलेंडर के अनुसार 30 अक्टूबर तक परिणाम जारी हो जाना चाहिए था। इसकी वजह से सीयूईटी पीजी के सफल छात्र अब चक्कर काट रहे हैं। इन छात्र-छात्राओं ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय बीएचयू, डीयू, जेएनयू जैसे बड़े संस्थानों में अंडरटेकिंग के आधार पर नामांकन लिया था। इन विश्वविद्यालयों ने ऐसे विद्यार्थियों को एक तय समय-सीमा के भीतर अपना अंकपत्र जमा करने को कहा था।
चाहत पांडे परीक्षा से बाहर, अनन्य का नामांकन रद्द करने का आदेश
छात्र चाहत पांडे ने बताया कि मैंने सीयूईटी के माध्यम दिल्ली विवि में बीएड में नामांकन लिया। पार्ट वन और पार्ट टू का रिजल्ट था। पार्ट थ्री के अंडरटेकिंग के आधार पर नामांकन मिला। फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा 13 दिसंबर से शुरू हो गई और मैं अबतक रिजल्ट नहीं सौंप पाया। मुझे परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया। हिन्दू कॉलेज में संस्कृत पीजी में नामांकन लेने वाले छात्र अनन्य ने कहा कि नामांकन लिए चार महीने हो गए। मैं कॉलेज को रिजल्ट उपलब्ध नहीं करा पाया। नतीजतन मेरा नामांकन रद्द करने का आदेश दिया गया है।
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