विद्या विहार स्कूल के संस्थापक प्राचार्य थे शारदा सिन्हा के नाना
मुजफ्फरपुर की मशहूर छठ गीत गायिका शारदा सिन्हा का निधन मड़वन गांव में शोक का कारण बना है। यहां के लोग उनके नाना की अनुशासनप्रियता और विद्या विहार स्कूल की स्थापना की कहानियां याद कर रहे हैं। शारदा...
मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। छठ गीतों का पर्याय बन चुकी शारदा सिन्हा में मुजफ्फरपुर की माटी भी रची बसी थी। उनका ननिहाल रेवारोड स्थित मड़वन गांव में है। उनके निधन की खबर से मड़वन में शोक की लहर दौड़ गई है और लोग उनके ननिहाल के किस्सों को याद करते नहीं थक रहे हैं।
मड़वन के पेट्रोल पंप संचालक राजू कुमार सिंह उनके परिवार को याद करते हुए बताते हैं, शारदा सिन्हा के नाना जी की अनुशासनप्रियता के किस्से सुनकर लोग बड़े हुए हैं। उनके नाना जगदीशचंद्र शास्त्री बनारस के एक स्कूल में शिक्षक थे। मुजफ्फरपुर में जब विद्या विहार स्कूल की स्थापना हो रही थी, तो यहां के लोगों ने उन्हें बताया कि उनकी सेवा की जरूरत मुजफ्फरपुर को भी है। लोगों के आग्रह पर वे मुजफ्फरपुर चले आये और तब विद्या विहार स्कूल की स्थापना हुई। वे बेहद अनुशासनप्रिय प्राचार्य थे। उनकी पुत्री भी विद्या विहार स्कूल में शिक्षिका बनीं। एक दिन वह देर से स्कूल आईं तो उन्होंने अपनी शिक्षिका पुत्री को हाजिरी बनाने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि आज आप देर से आई हैं, आज छुट्टी ले लीजिए। पुत्री ने ऐसा ही किया और अगले दिन से वह रिटायर होने तक समय का पालन करती रहीं। शारदा सिन्हा के ननिहाल के लोग अब बाहर रह रहे हैं। उनमें से एक उनके रिश्तेदार डॉ. शरदचंद्र शर्मा पड़ोस के जिले में चिकित्सा पदाधिकारी हैं। मड़वन स्थित घर में एक बैंक का कार्यालय है और घर के सदस्य बाहर रहते हैं, लेकिन उस परिवार की कहानी सबकी जुबान पर कंठस्थ है। ग्रामीणों ने बताया कि शारदा सिन्हा पढ़ाई के दिनों में कुछ दिन ननिहाल में भी रही थीं। इस दौरान उन्होंने शहर के एलएस कॉलेज में नामांकन ले रखा था।
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