हर मुस्लिम मर्द व औरतों के लिए फर्ज है रोजा

हर मुस्लिम बालिग मर्द व औरत के लिए रोजा फर्ज है। माह-ए-रमजान में रोजा व नमाज पढ़ना दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना दिन में कम से कम दो बार कुरान...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 25 April 2021 08:21 PM
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हर मुस्लिम बालिग मर्द व औरत के लिए रोजा फर्ज है। माह-ए-रमजान में रोजा व नमाज पढ़ना दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना दिन में कम से कम दो बार कुरान शरीफ की तिलावत करें और कुछ आयतें रोजाना तरजमा के साथ याद करने की आदत डालें। यह फरमाते हुए माड़ीपुर निवासी इस्लामिक शिक्षाविद जायरा फलक ने बयान किया है। उन्होंने कहा कि हदीस की कोई संक्षिप्त किताब के दो पन्ने रोजाना पढ़े। एक हदीस तरजुमा के साथ याद करें। इस तरह तीस दिनों में कम से कम आठ कुरआन की आयतें तरजमा करें।

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