कृषि में नैनो तकनीक पौधों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण
डॉ. विवेक कुमार ने कहा कि नैनो तकनीक कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आर्सेनिक युक्त यूरिया से कैंसर का खतरा बढ़ता है, जबकि ड्रोन तकनीक से आर्सेनिक रहित खेती संभव है। छात्रों को नैनो तकनीक में...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। नैनो तकनीक का प्रयोग कृषि के क्षेत्र में आनेवाले समय में क्रांतिकारी योगदान देगा। कृषि के क्षेत्र में अगर आर्सेनिक युक्त यूरिया का प्रयोग किया जाए तो उस फसल से कैंसर जैसी बड़ी बीमारी होने की संभावना होती है। कृषि के लिए ड्रोन का प्रयोग करके आर्सेनिक रहित खेती की जा सकती है। कृषकों को तकनीक आधारित खेती के लिए जागरूक किया जाए। कृषि में नैनो तकनीक का प्रयोग पौधों की सुरक्षा और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। ये बातें शनिवार को एमडीडीएम कॉलेज में आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता डॉ. विवेक कुमार, पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च एसोसिएट, कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी ने कही।
भौतिकी विज्ञान के तत्वावधान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 पर सतत कृषि के लिए नैनो तकनीक विषय पर आयोजित व्याख्यान में उन्होंने कहा कि कृषि के सतत विकास के लिए नैनो तकनीक का प्रयोग भविष्य में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहेगा। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभिन्न विषयों से संबंधित शोधार्थी नैनो तकनीक पद्धति से काम कर सकते हैं। अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य प्रो. कनुप्रिया ने कहा कि भविष्य के लिए नैनो तकनीक विधि अत्यंत उपयोगी है और छात्रों को इसमें अपना भविष्य बनाना चाहिए। मंच संचालन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. शगुफ्ता नाज ने किया। विषय प्रवेश भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. नवनीता ने कराया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रविंद्र कुमार ने किया। मौके पर डॉ. अनुराधा सिंह, डॉ. मोबश्शेरा सदफ, डॉ. प्रांजलि समेत अन्य लोग थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।