रेलवे में चार्ट बनाने की खत्म होगी परंपरा
आरक्षण व एसी कोच में यात्रियों की सीट की विवरणी की जानकारी के लिए लगने वाले चार्ट की परंपरा को रेलवे अब खत्म करेगा। इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने सभी जीएम कार्यालय व रेल मंडलों को आदेश जारी किया गया है।...
आरक्षण व एसी कोच में यात्रियों की सीट की विवरणी की जानकारी के लिए लगने वाले चार्ट की परंपरा को रेलवे अब खत्म करेगा। इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने सभी जीएम कार्यालय व रेल मंडलों को आदेश जारी किया गया है। कहा गया है कि जल्द साउदर्न व नॉदर्न रेलवे में यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेलवे को भी चार्ट सिस्टम खत्म करने की तैयारी पूरी करने का आदेश दिया है। सोनपुर रेल मंडल की ओर से मुजफ्फरपुर जंक्शन के अधिकारियों को रेलवे बोर्ड का पत्र भेजकर नई व्यवस्था बहाल करने की कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। अभी जंक्शन से खुलने वाली ट्रेनों के अलावे जिन ट्रेनों को मुजफ्फरपुर से टैग किया गया है, उनका चार्ट जारी होता है। यह चार्ट जंक्शन के स्क्वायर्ड, टीटी के पास रहता है और इसे ट्रेनों पर चिपकाया जाता है। रेलवे के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह व्यवस्था अब खत्म होगी।
डिजिटल चार्ट रहेगा टीटी के पास, सभी कार्य होंगे डिजिटल
रेलवे के अनुसार ट्रेन में सफर कर रहे टीटी के पास डिजिटल चार्ट उपलब्ध होगा। इसमें वह सभी जानकारी रहेगी जो मैन्युअल चार्ट में रहती है। इसके लिए टीटी को रेलवे की ओर से स्मार्ट डिजिटल डिवाइस उपलब्ध कराया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे पहले से ही वेटिंग टिकट की अपडेट वस्तुस्थिति की जानकारी ट्रेन खुलने तक देती रहती है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक 2025 तक रेलवे की सभी विभागों के कार्य डिजिटल रूप से होने लगेंगे।
कागज की उपलब्धता में रेलवे को कठिनाई
वाणिज्य विभाग के अनुसार सोनुपर व समस्तीपुर रेलमंडल में हर दिन चार्ट निकालने में करोड़ों का खर्च हो रहा है। कागज पर हो रहे खर्च काफी अधिक आ रहा है। जबकि कागज की उपलब्धता में रेलवे को काफी कठिनाई उत्पन्न हो रही है। चार्ट प्रिंट करने में हो रही कॉटेज पर भी लाखों का खर्च दोनों रेलमंडल में हो रहा है।
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