आरंभिक काल से ही देश शिक्षा, संस्कृति, आर्थिक गतिशीलता में समृद्ध
बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आयोजित व्याख्यानमाला में प्रो. अजीत कुमार ने शोधार्थियों को ऐतिहासिक अनुसंधान के नए दृष्टिकोण और पद्धतियों से परिचित कराया। उन्होंने युवा इतिहासकारों को...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। आरंभिक काल से ही यह देश शिक्षा, संस्कृति, आर्थिक गतिशीलता में समृद्ध रहा है। आध्यात्मिक चेतना, राजनैतिक परिपक्वता एवं वैश्विक चेतना के स्तर पर सर्वाधिक समृद्ध यह देश रहा है। ये बातें शनिवार को बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में पीएचडी कोर्स वर्क 2022 के शोधार्थियों के लिए आयोजित व्याख्यानमाला में सेवानिवृत प्राध्यापक प्रो. अजीत कुमार ने कहीं।
प्रो. अजीत ने शोधार्थियों को ऐतिहासिक अनुसंधान के नए दृष्टिकोणों, पद्धतियों और स्रोतों से परिचित कराया। उन्होंने शोधकार्य के दौरान इतिहास दृष्टि तथा इतिहास बोध की बारीकियों को समझने तथा पूर्वाग्रह एवं दुराग्रह से मुक्त होकर ऐतिहासिक प्रसंगों को तथ्य, तर्क, अनुभव और समय-सापेक्षता के आधार पर विश्लेषित करने पर बल दिया। उन्होंने आयातित विचारों एवं जबरन थोपे गये निष्कर्षों को राष्ट्रीय संदर्भ में परखने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि युवा इतिहासकारों को चाहिए कि वे दक्षिण अथवा वाम मार्ग की जगह यथार्थ मार्ग का चयन करें तथा देश व समाज के सामने वास्तविक इतिहास रखें।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. रेणु कुमारी ने कहा कि यह व्याख्यान शोधार्थियों के अनुसंधान कार्यों में सहायक सिद्ध होगा। विभाग भविष्य में भी ऐसे ही ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक प्रो. शिवेश कुमार, डॉ. गौतम चंद्रा समेत कई शोधार्थी उपस्थित रहे।
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