दूध नहीं बिकने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे उत्पादक
जिले के दूध उत्पादक किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लॉकडाउन के चौथे चरण में भी किसानों के दूध की उत्पादन खपत से तीस फीसद अधिक हो रही है। दूध उत्पादकों के अनुसार दूध का सबसे अधिक...
जिले के दूध उत्पादक किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लॉकडाउन के चौथे चरण में भी किसानों के दूध की उत्पादन खपत से तीस फीसद अधिक हो रही है। दूध उत्पादकों के अनुसार दूध का सबसे अधिक खपत मिठाई और चाय की दुकानों पर होती है जो लॉकडाउन में बिलकुल बंद हो गया है। जिन मवेशी पालकों ने लोन लेकर गाय या भैंस खरीदा है उन्हें भारी नुकसान उठाना पर रहा है। जिले में करीब साढे तीन लाख दूध उत्पादक किसान है जिन्हें अपने व्यवसाय सुधरने का इंतजार है। सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक अरविंद कुमार के अनुसार लॉकडाउन पहले व दूसरे फेज में दूध उत्पादकों की जो स्थिति बनी थी उसमें सुधार हो रही है। उन्होंने बताया कि उस समय उनके यहां 3.18 लाख लीटर दूध प्रति दिन पहुंचने लगा था जो अब करीब 2.30 लाख लीटर पहुंच रहा है। गव्य विकास के आकड़ों के मुताबिक जिले में महीने में दो करोड़ लीटर के आसपास उत्पादन होता है।
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