निजी विद्यालयों में आवंटन के बाद भी नहीं लिया जा रहा नामांकन
मुजफ्फरपुर में अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के कार्यालय में गुहार लगाई है कि आरटीई के तहत सीट आवंटन के बावजूद बच्चों का नामांकन नहीं हो रहा है। 19 फरवरी को स्कूल आवंटित होने के बाद भी निजी विद्यालयों ने...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत सीट आवंटन के बाद भी बच्चों का नामांकन नहीं लिया जा रहा है। शनिवार को इसकी गुहार लेकर दर्जनों अभिभावक शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे। निजी स्कूलों में कक्षा एक में नामांकन के लिए आवेदन करने वाले बच्चों को 19 फरवरी को राज्यस्तर से स्कूल आवंटित किया गया था। प्राथमिक शिक्षा निदेशक का निर्देश है कि आवंटित स्कूल में जाकर अभिभावक नामांकन कराएंगे। किस स्कूल में किस बच्चे को सीट मिली है, इसकी सूची राज्यस्तर से ही जारी कर भेजी गई।
आरटीई के तहत रजिस्टर्ड सभी निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग के ज्ञानदीप पोर्टल पर कक्षा एक की रिक्ति अपलोड करनी थी। किस स्कूल में कक्षा एक में कितने बच्चे होते हैं, इसके अनुसार ही विभाग की ओर से 25 फीसदी सीट आरटीई के तहत बच्चों को दी गई। हालांकि, इस सीट को देने में भी निजी स्कूलों ने फर्जीवाड़ा किया। जिले में साढ़े छह सौ स्कूल रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से 50 फीसदी ने ही आरटीई नामांकन को लेकर सीट अपलोड किया। अब सीट अपलोड करने व बच्चों को स्कूल आवंटन होने की प्रक्रिया के बाद नामांकन में झोल फंसाया जा रहा है। कक्षा एक में रिक्ति देने वाले स्कूल अभिभावकों को अब यह कहकर लौटा दे रहे हैं कि हमारे यहां आरटीई के तहत नामांकन नर्सरी कक्षा में ही होता है।
निर्धारित उम्र्र व योग्यता पूरी करने पर ही 1030 बच्चों को आवंटित हुआ स्कूल :
शिक्षा विभाग के कार्यालय में पहुंचे अभिभावक दिनेश सहनी ने कहा कि हमारे बच्चों के आवेदन को लेकर कक्षा एक के निर्धारित शर्त के तहत निर्देश दिया गया था। छह साल की उम्र कम से कम होनी चाहिए, इसके तहत आवेदन कराया गया। अब छह साल से अधिक के बच्चे को नर्सरी में लेने की बात कही जा रही है। वहीं, डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि निर्धारित उम्र्र व योग्यता की शर्त को पूरी करने के आधार पर शिक्षा विभाग ने राज्य स्तर पर 1030 बच्चों को आईटीई के तहत स्कूल आवंटित किया था। कक्षा एक के लिए सभी को स्कूल आवंटित हुआ है। स्कूल इससे इनकार नहीं कर सकते। इनकार करने वाले स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
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