अबतक नहीं मिला केजीबीवी की बेटियों को गर्म कपड़ा
मुजफ्फरपुर में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की बेटियों को गर्म कपड़ों का इंतजार है। अभिभावकों ने डीएम को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है। सरकार द्वारा अक्टूबर में कपड़े देने का निर्देश...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सर्दी की शुरूआत हो चुकी है, लेकिन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की बेटियों को अबतक गर्म कपड़ों का इंतजार है।
विभाग की ओर से अक्टूबर में ही गर्म कपड़े उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। आक्रोशित अभिभावकों ने इसे लेकर मंगलवार को डीएम को ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग की। जिले में अलग-अलग प्रखंडों में 16 केजीबीवी चल रहे हैं। एक केजीबीवी में 100 बच्चियां नामांकित हैं। कुल 1600 नामांकित बेटियों को गर्म कपड़ा देना है। हर साल इन बेटियों को गर्म कपड़ा विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाता है। अभिभावकों ने कहा कि हम सब वंचित समुदाय से आते हैं। सरकार की ओर से आदेश मिलने के बाद भी इसमें लापरवाही की जा रही है।
पोशाक नहीं मिली तो सीएम के सामने करेंगे प्रदर्शन
आक्रोशित अभिभावकों ने कहा कि राज्य कार्यालय ने जब अक्टूबर में ही गर्म कपड़ा देने का निर्देश दिया था तो अबतक जिला स्तर पर टेंडर की प्रक्रिया क्यों नहीं पूरी की गई। अभिभावकों का आरोप कि इसमें बंदरबांट को लेकर यह किया जा रहा है। अभिभावकों ने कहा कि अगर सीएम के आने से पहले पोशाक नहीं दी जाती है तो मुख्यमंत्री के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पुराने गर्म कपड़े से पहले से पढ़ रही बच्चियां काम चला लेंगी, लेकिन जिनका इसी साल नामांकन हुआ है, वह कहां से गर्म कपड़ा लाएंगी। कक्षा छह की बच्चियों को स्वेटर, सातवीं को ब्लेजर और आठवीं की बच्चियों को इनर व शॉल देना है।
दो बार टेंडर फेल, अब तीसरी बार निकाला गया
डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि डीडीसी इसके अध्यक्ष होते हैं। दो बार टेंडर निकाला गया, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। पहलीबार सितंबर में निकाला गया था। दूसरी बार एनआईसी पर तिथि में उलझन को लेकर यह फेल हो गया। अब तीसरी बार निकाला गया है। संभाग प्रभारी सुमन कुमारी ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही कपड़े उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
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