मुजफ्फरपुर में खुलेगा जिला आयोजना क्षेत्र प्राधिकार का कार्यालय
मुजफ्फरपुर में जिला आयोजना क्षेत्र प्राधिकार का नया कार्यालय खुलेगा, जिसमें 39 अधिकारियों और कर्मियों की तैनाती होगी। इसमें सीईओ, सचिव, अभियंता और क्लर्क समेत विभिन्न पद शामिल हैं। यह कार्यालय विकास...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। मुजफ्फरपुर में जिला आयोजना क्षेत्र प्राधिकार का कार्यालय खुलेगा। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) समेत 25 पदों पर 39 अफसर व कर्मियों की तैनाती होगी। इनमें प्राधिकार के सचिव, भू संपदा पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी से लेकर क्लर्क तक शामिल हैं। कार्यालय में सहायक वास्तुविद, एलडीसी, यूडीसी और सहायक नगर योजना पर्यवेक्षक के तीन-तीन पद होंगे। सहायक नगर निवेशक, सर्वे सहायक, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, ड्राफ्टसमैन और अमीन के दो-दो पदों का सृजन किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा या बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को सीईओ की जिम्मेवारी सौंपी जाएगा। इसके अलावा गृह विभाग निगरानी व विधि पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करेगा।
इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग ने संकल्प जारी किया है। इसके तहत अन्य जिलों के आयोजना क्षेत्र प्राधिकार कार्यालय की अपेक्षा प्रमंडलीय शहर मुजफ्फरपुर में अधिक कर्मी या अधिकारी होंगे। अन्य जिला आयोजना क्षेत्र प्राधिकार कार्यालय में 23 पदों पर 34 अधिकारियों व कर्मियों की ही तैनाती होगी। नवसृजित पदों के अलावा कार्यालयों में जरूरत के अनुसार जीआईएस एक्सपर्ट, आईटी मैनेजर, कार्यपालक सहायक, डाटा इंट्री ऑपरेटर और मल्टी टास्किंग स्टाफ की सेवा तय मानदेय पर बेल्ट्रॉन या विभाग से निर्धारित एजेंसी से ली जाएगी। विकास योजनाएं बनाने समेत होंगी आठ अहम जिम्मेदारी आयोजना क्षेत्र प्राधिकार पर आठ अहम जिम्मेवारी होगी। प्राधिकार राज्य सरकार की इच्छा के अनुरूप क्षेत्र विकास की योजनाएं तैयार करेगा। विकास या क्षेत्र विकास की योजनाएं बनाने के लिए आयोजना क्षेत्र का सर्वेक्षण होगा। आवश्यक समझने पर उस चल या अचल संपत्ति को अर्जित करने के साथ प्रबंधन व निष्पादन होगा। जलापूर्ति, जल व मल निकास, विद्युत, गैस आपूर्ति आदि से जुड़े कार्यों का निष्पादन और अन्य सुविधाओं का प्रबंध करने आदि के कार्य भी इनके जिम्मे होगा। निगम के क्षेत्राधिकार का होगा विस्तार, 75 तक होंगे वार्ड निगम के क्षेत्राधिकार का विस्तार होना है। इसमें आबादी के साथ ही वार्डों की संख्या भी बढ़ेगी। दो दर्जन या उससे अधिक वार्ड बढ़ सकते हैं। बीते साल आयोजना क्षेत्र से जुड़े मकानों के नक्शा की स्वीकृति के अधिकार निगम को दिए गए थे। निगम के प्रस्तावित विस्तार से वार्डों की संख्या 75 तक होने के साथ आबादी साढ़े आठ लाख हो जाएगी। अगले 20-25 वर्षों में जनसंख्या 15 लाख तक पहुंचने की संभावना है। पूर्व में 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक शहर की आबादी करीब साढ़े तीन लाख थी।
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