मुख्यालय से दूर रहने वाली छात्राओं को हॉस्टल में मिलेगी प्राथमिकता
बीआरएबीयू के पीजी हॉस्टल में नये सत्र से दूर-दराज की छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी। नया हॉस्टल खोलने से हॉस्टल की संख्या चार हो गई है, जिसमें 34 कमरे हैं। कुलपति ने हॉस्टल की मरम्मत कराकर इसे चालू...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू के पीजी हॉस्टल में मुख्यालय से दूर रहने वाली छात्राओं को प्राथमिकता मिलेगी। नये सत्र से इस व्यवस्था को लागू करने के लिए विवि प्रशासन विचार कर रहा है। बिहार विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह का कहना है कि पीजी और यूजी में दूर-दराज से आने वाली छात्राओं को विवि परिसर में जगह मिले, इस पर हम योजना बना रहे हैं। विवि सूत्रों ने बताया कि नये सत्र से जो छात्राएं दूसरे जिले या मुजफ्फरपुर के दूर के ग्रामीण क्षेत्र से आती हैं, उन्हें हॉस्टल आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी।
बिहार विवि में एक नया हॉस्टल शुरू होने से अब हॉस्टल की संख्या चार हो गई है। नये हॉस्टल में 34 कमरे हैं और एक कमरे में तीन छात्राएं रह सकती हैं। यह हॉस्टल 2019 से बनकर तैयार था, लेकिन ठेकेदार के द्वारा विवि को हॉस्टल नहीं सौंपे जाने से यह शुरू नहीं हो रहा था। पिछले दिनों कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने हॉस्टल की मरम्मत कराकर छात्राओं के लिए इसे चालू करा दिया। कुलपति ने हॉस्टल परिसर में खेल गतिविधि भी शुरू कराने की घोषणा की। डीएसडब्ल्यू ने बताया कि नये सत्र से हॉस्टल में मेस की भी व्यवस्था शुरू की जायेगी। इसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है। पिछले दिनों विवि प्रशासन ने बैठक कर हॉस्टल में खाना बनाने पर रोक लगा दी थी।
ब्वायज हॉस्टल में कई चीजों की नहीं हो रही मरम्मत :
बीआरएबीयू के ब्वायज हॉस्टल में मरम्मत का काम चल रहा है, लेकिन यहां रहने वाले छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में कई चीजों की मरम्मत का एस्टीमेट ही नहीं तैयार किया गया। हॉस्टल के कॉमन रूम में सामान टूट गये हैं। इसका इस्तेमाल छात्र गाड़ियों को रखने के लिए कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि हॉस्टल के एस्टीमेट में कमरों की रैक को ठीक करने का कोई प्रावधान नहीं है। कई कमरों की रैक टूट गई है। इसके अलावा पानी का पाइप टूटा हुआ है, जिसे ठीक नहीं किया जा रहा है।
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