मेडिकल कॉलेजों को हर साल बताना होगा उनके यहां रैगिंग हुई या नहीं
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सभी मेडिकल कॉलेजों को हर साल हलफनामा देने का निर्देश दिया है कि वहां रैगिंग हुई या नहीं। एसकेएमसीएच में इस वर्ष रैगिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। एनएमसी ने रैगिंग...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) सहित देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को अब हर साल हलफनामा देकर बताना होगा कि उनके यहां रैगिंग हुई या नहीं। इसका निर्देश नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सभी प्राचार्यों को पत्र लिखा है। एनएमसी ने किसी भी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग होने पर वहां के प्रशासन पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
एसकेएमसीएच के प्रशासिक पदाधिकारी डॉ. रमाकांत प्रसाद ने बताया कि कॉलेज में इस साल रैगिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है। एनएमसी ने सभी मेडिकल कॉलेजों को रैगिंग रोकने के लिए सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। इसके लिए जो भी कदम उठया जा सकता है उसको लेकर दिशा-निर्देश भी दिया है।
पिछले वर्ष एसकेएमसीएच में हुई थी रैगिंग :
एसकेएमसीएच में पिछले वर्ष रैगिंग का मामला सामने आया था। इसके बाद प्राचार्य प्रो. आभा रानी सिन्हा ने आरोपित पूरे बैच को ही कॉलेज से निलंबित कर दिया था। इसके बाद छात्रों में हडकंप मच गया था। इस वर्ष भागलपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की शिकायत आई थी। इसके बाद वहां के छात्रों को हॉस्टल से बाहर कर दिया था। इस वर्ष एसकेएमसीएच में रैगिंग रोकने के लिए प्राचार्य प्रो. आभा रानी सिन्हा और अन्य अधिकारी खुद प्रथम वर्ष की कक्षा छूटने के बाद वहां पहुंचते थे और अपनी निगरानी में छात्रों को हॉस्टल या लाइब्रेरी तक पहुंचाते थे।
एनएमसी को रैगिंग की मिली हैं कई शिकायतें :
प्राचार्यों को भेजे पत्र में एनएमसी ने कहा है उन्हें कई मेडिकल कॉलेजों से रैगिंग की शिकायत मिल रही है। इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों को एंटी रैगिंग सेल को और भी सख्त बनाने और उसे पूरी तरह सक्रिय करने का निर्देश प्राचार्यों को दिया है। एनएमसी ने कहा है कि रैगिंग की शिकायत एंटी रैगिंग सेल के अलावा सोशल मीडिया से भी मिल रही है।
छात्रों को रैगिंग के परिणामों के प्रति करें आगाह :
एनएमसी ने प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणामों के प्रति आगाहर करें। इसके अलावा कॉलेज में पढ़ाई का उचित माहौल तैयार करें। प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है वह एंटी रैगिंग स्क्वाड को रैगिंग करने वाले छात्रों को चिह्नित करने का निर्देश दें, ताकि ऐसे छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
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