ट्रकों से अवैध वसूली बंद हो, बालू मंडी के लिए जगह करें निर्धारित
मुजफ्फरपुर में ट्रक मालवाहकों के लिए बालू की ढुलाई का काम कठिन हो गया है। वैध रजिस्ट्रेशन के बावजूद पुलिस अवैध वसूली कर रही है। ट्रांसपोर्टर्स ने कहा कि बिना अधिकृत बालू मंडी के, उनके कारोबार पर...

मुजफ्फरपुर। ट्रक मालवाहक ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा सेगमेंट है। इसमें भी बालू-गिट्टी की ढुलाई काफी अहम है। लेकिन, जिले में वैध बालू मंडी नहीं होने से बालू ट्रांसपोर्टर परेशान हैं। खनन विभाग से रजिस्ट्रेशन के बाद बालू की ढुलाई तो वैध हो गई, लेकिन पुलिस अब भी इनका पीछा नहीं छोड़ रही है। कागजात आदि सही होने के बाद भी पार्किंग के नाम पर चालान काटती है। चालक, उपचालक और मजदूर को हमेशा गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती है। यहां तक कि बालू की खरीदारी करने आए ग्राहक को भी बख्शा नहीं जाता है। बीबीगंज में बालू ट्रांसपोर्ट से जुड़े शहर के बड़े ट्रांसपोर्टरों ने अपनी पीड़ा ‘हिन्दुस्तान के साथ साझा की।
कहा कि एडवांस टैक्स देने के बाद भी उनसे अवैध वसूली हो रही है। अगर यह बंद हो जाए तो बालू का कारोबार और तेजी से बढ़ेगा। मुजफ्फरपुर जिले में दो हजार से अधिक ट्रक बालू ढुलाई के कार्य में लगे हैं। ट्रक मालिक के अलावा चालक, उपचालक, लोडिंग-अनलोडिंग में लगे मजदूर, मैकेनिक, वाशिंग, पंप मैकेनिक का परिवार भी इससे चलता है। कुल मिलाकर 40 हजार से अधिक लोग इससे जुड़े हुए हैं। इस व्यवसाय के ठप होने या प्रभावित होने से बड़ी संख्या में लोगों पर असर पडता है। जिला ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर शर्मा, महासचिव ऋषि कुमार मिश्रा का कहना है कि कोरोना काल ने ट्रक मालिकों की कमर तोड़ दी। इसके बाद साहस दिखाकर सड़क पर उतरे तो अवैध वसूली परेशान कर रही है। कहा कि ट्रक मालिक सरकार को एडवांस टैक्स जमा करते हैं। इसके बावजूद गाड़ी के सड़क पर उतरते ही पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी उनसे अवैध वसूली शुरू कर देते हैं। बिना रुकावट के परिचालन व कारोबार के लिए उनसे राशि की मांग की जाती है। नहीं देने पर केस में फंसाने की धमकी तक देते हैं। उपाध्यक्ष दीपक कुमार शाही, इंग्लिश राय, प्रवक्ता राजेश कुमार, सचिव चितरंजन कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में पटना, भोजपुर और अरवल से पीला बालू आता है। कभी कभार रोहतास और औरंगाबाद से भी बालू लाना पड़ता है। इन जगहों से आने में दर्जनभर से अधिक थाना क्षेत्र पड़ता है। इसके अलावा जगह-जगह पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी भी रहती है। सब जगह वसूली की जाती है। कहा कि अब बालू ढुलाई का काम वही ट्रक मालिक करते, जिन्होंने खनन विभाग से रजिस्ट्रेशन कराया है। गाड़ी पर लाल पट्टी के साथ रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित रहता है। इसके बावजूद पुलिस जगह-जगह गाड़ी को रोक देती है। नो इंट्री और ओवरलोडिंग के झूठे चार्ज के नाम पर वसूली करती है। कहा कि ऐसे में एक खेप बालू लाने पर ट्रांसपोर्टरों को 7 से 12 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च आता है।
अधिकृत मंडी होने से कम होगी परेशानी
ट्रांसपोर्टर चितरंजन कुमार, जितेंद्र कुमार, विवेक भारती, अमित सिंह, सुमन सिंह, श्रीराम सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर में बालू की एक भी अधिकृत मंडी नहीं है। इस वजह से ट्रांसपोर्टर वर्षों से कुछ इलाके में बालू लोड ट्रक को पार्क कर इसकी बिक्री करते हैं। शहर से सटे रामदयालू, कच्ची पक्की, मड़वन, दामोदरपुर, मेडिकल, साहेबगंज, मोतीपुर और बनघारा में अधिकतर बालू लदे ट्रक रुकते हैं। इन जगहों पर पुलिस परेशान करती है। ट्रांसपोर्टरों ने शहर से सटे इलाकों में बालू मंडी और ट्रकों की पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग खनन विभाग से की है। बालू कारोबार से जुड़े मजूदरों का बने श्रम कार्ड बालू कारोबार से जीवनयापन करने वाले मजूदरों के मेट दिनेश राम, प्रमोद सहनी, विनोद राम, वकली सहनी, मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि एक बालू मंडी में 400-500 मजदूर रहते हैं। यहां पुलिस उनलोगों से भी रुपये की मांग करती है। मना करने पर जेल भेज देने की धमकी दी जाती है। कहा कि उनके लिए श्रम विभाग भी आगे नहीं आता है। उनका अबतक श्रम कार्ड भी नहीं बना है। इससे वे दूसरी जगह काम करने नहीं जा पा रहे हैं।
एक्ट में संशोधन की कर रहे हैं मांग
एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर शर्मा, महासचिव ऋषि कुमार मिश्रा का कहना है कि खनन विभाग को अपने एक्ट में संशोधन करने की जरूरत है। ओवरलोडिंग में पकड़ाने पर अधिकतम जुर्माना का प्रावधान है। इससे कम किया जाए। कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे लोग विरोध कर ही रहे हैं, चक्का भी जाम करेंगे। कहा कि बिहार का परिवहन विभाग देशभर में टॉप राजस्व देने वाले की सूची में आ गया है। फिर भी सबसे अधिक परेशान ट्रक ट्रांसपोर्टर को ही किया जाता है। विभाग को सबसे अधिक टैक्स भी ट्रकों से ही मिलता है।
बोले जिम्मेदार
ट्रांसपोर्टर वैध तरीके से बालू की खेप लेकर आ रहे हैं। पार्किंग की व्यवस्था जिला प्रशासन या नगर निगम करेगी। ट्रांसपोर्टर खनन विभाग से स्टॉकिस्ट लाइसेंस लेकर जमीन पर बालू रख बिक्री कर सकते हैं। अगर पुलिस रास्ते में परेशान करती है तो साक्ष्य के साथ शिकायत करें। खनन विभाग वरीय अधिकारियों से आग्रह कर परेशान करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कराएगा।
-हरेश कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, मुजफ्फरपुर
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