दवा व्यवसायी हर रोज झेल रहे दर्द जूरन छपरा में लाइलाज बना जाम
मरीजों की तकलीफ दूर करने वाला जूरन छपरा खुद दर्द झेल रहा है। जाम की जद में कराहते इस महत्वपूर्ण इलाके के दवा कारोबारी मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं। श
मुजफ्फरपुर। जूरन छपरा छपरा में दवा मंडी के अलावा दर्जनों अस्पताल और नर्सिंग होम हैं। प्रतिदिन पांच हजार से अधिक लोग इलाज कराने से लेकर दवा खरीदने आते हैं। सुविधाओं के अभाव में दुकानदारों के अलावा मरीजों और उनके परिजनों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। व्यवसायियों का कहना है कि यह हाल तब है, जब जिलाधिकारी कार्यालय और आवास से कुछ कदम की दूरी पर यह इलाका है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के साथ चर्चा में जूरन छपरा के दवा दुकानदारों का कहना था कि यह क्षेत्र इतना महत्वपूर्ण होते हुए भी पिछड़ा हुआ है। हमलोग नियमित टैक्स देते हैं। बावजूद सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। मुजफ्फरपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार का कहना है कि जूरन छपरा से लेकर इमलीचट्टी तक सड़क पर ही कूड़ा रहता है। बायो मेडिकल वेस्ट भी यहीं फेंका जाता है। कूड़ा निस्तारण के लिए निगम प्रशासन ने कोई जगह चिह्नित नहीं की है। इसके लिए एक जगह चिह्नित होनी चाहिए। जाम यहां की स्थायी समस्या बन गई है। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। जूरन छपरा की सड़कें संकरी हैं, इसलिए यहां दो गाड़ियां भी एक साथ आ जाएं तो जाम लग जाता है। इसका स्थायी समाधान होना चाहिए। दुकानदारों ने बताया कि जाम में कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है, जिससे मरीजों की जान पर बन आती है। हमलोग नगर निगम से निबंधित हैं। जितना टैक्स देते हैं, उसका दस प्रतिशत भी सुविधा नहीं मिलती। व्यवसायियों ने कहा कि यहां कई नर्सिंग होम हैं, लेकिन उनके पास पार्किंग नहीं है।
बिजली ट्रिपिंग से इमरजेंसी दवा होती है खराब
दवा दुकानदारों ने कहा कि गर्मी में बिजली की लगातार ट्रिपिंग से फ्रीज और डीप फ्रीजर में रखी इमजरेंसी दवा के खराब होने का खतरा रहता है। इलाके में लगे कई ट्रांसफार्मर 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं। इनपर दुकानों का लोड दिया गया है। अब दवा दुकानों में एसी भी अनिवार्य है। बिजली ट्रिपिंग से एसी खराब होने का डर बना रहता है। जूरन छपरा से लेकर इमलीचट्टी तक बिजली के पुराने तार लटक रहे हैं, लेकिन बिजली विभाग इन्हें ठीक नहीं करा रहा है। बिजली कटौती के कारण दवा दुकानों में बिना जेनरेटर के काम नहीं चलता। गर्मी में लोड बढ़ने पर लगातार फ्यूज उड़ता है। एसोसिएशन के सचिव संजीव कुमार चौधरी का कहना है कि जूरन छपरा में आने वाले लोगों के लिए न नल है और न शौचालय की व्यवस्था। दुकानदारों को भी इससे परेशानी होती है। मरीजों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। जूरन छपरा इलाके में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई है।
बरसात में रोड पर लगता है पानी
दवा व्यवसायी प्रभाकर कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी बन रहा है, लेकिन जूरन छपरा इससे अछूता है। यहां सड़क पर नाले का पानी बहता है। बरसात में स्थिति बहुत खराब हो जाती है। सड़क पर पानी लगता है। ग्राहकों का आना दुश्वार हो जाता है। नगर निगम का कोई ध्यान नहीं रहता है। हमलोगों को पानी निकासी के लिए खुद उपाय करने पड़ते हैं। स्मार्ट सिटी में सबसे पहले जूरन छपरा के विकास का काम किया जाना चाहिए, क्योंकि सबसे ज्यादा लोग इसी क्षेत्र में हर दिन आते हैं। यहां आने वाले लोग भी जहां-तहां गाड़ी खड़ी कर देते हैं, जिससे बेवजह जाम लग जाता है। जाम से निजात के लिए जूरन छपरा में पार्किंग की व्यवस्था जरूरी है।
बार-बार सड़क खोदने से परेशानी
जूरन छपरा में निर्माण कार्य के नाम पर बार-बार सड़क खोद दी जाती है। इससे संकरी सड़क की चौड़ाई और भी कम हो जाती है। व्यवसायियों का कहना है कि सड़क पर इससे जाम की समस्या बढ़ जाती है। खोदी गई सड़क की कई दिनों के बाद मरम्मत की जाती है। इससे सामान दुकान तक पहुंचाने और गाड़ियों से उतारने में दिक्कत होती है। बरसात से पहले अगर सड़क खोदकर छोड़ दी तो बारिश होने के बाद कीचड़ के कारण आना-जाना दुश्वार हो जाता है। कहा कि इस इलाके में अतिक्रमण से भी सड़क संकरी हो गई है। जूरन छपरा मोड़ पर कई ऑटो सड़क पर ही खड़े रहते हैं, जिससे मरीजों को जूरन छपरा के अंदर आने में परेशानी होती है।
शिकायत का निश्चित रूप से होगा समाधान
नगर निगम शहर के सभी हिस्सों की साफ-सफाई नियमित रूप से करा रहा है। दवा व्यवसायी बताएं कि कहां सफाई की समस्या हो रही है। जहां से शिकायत आयेगी, वहां निश्चित तौर पर समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाया जाएगा। शहर में डंपिंग प्वाइंट नहीं बनाना है। जहां तक नाला उड़ाही की बात है, तो उसका काम नगर निगम की ओर से जनवरी के बाद शुरू कर दिया जाएगा।
-निर्मला साहू, मेयर, नगर निगम
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