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रूढ़िवादी धारणा को इंगित करने और तोड़ने वाले कथनों पर आए सवाल

मुजफ्फरपुर में सीटीईटी परीक्षा के दौरान अभिभावकों के रूढ़िवादी विचारों पर सवाल उठाए गए। परीक्षा में एक हजार परीक्षार्थी देर से पहुंचे और कई ने एक ही एडमिट कार्ड का उपयोग किया, जिससे उन्हें समस्या हुई।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 16 Dec 2024 01:09 AM
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मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता एक अभिभावक अपने बच्चे से कहता है, मत रो तू एक लड़का है...। लड़कियों के खाना बनाना सीखना चाहिए...। रूढ़िवादी धारणा को इंगित करने वाले ये सवाल रविवार को सीटेट में पूछे गए। इस तरह से एक अन्य सवाल पूछा गया कि महिला किसान या पुरुष पायलट, कौन रूढ़िवादी धारणा को तोड़ते हैं।

जिले में 23 केंद्रों पर सीटेट के पेपर दो की परीक्षा पहली पाली में हुई। दूसरे दिन भी एक हजार परीक्षार्थियों की परीक्षा देर से आने की वजह से छूटी। कई परीक्षार्थी एक ही एडमिट कार्ड लेकर पहुंचे थे। इस वजह से केन्द्र पर उन्हें काफी परेशानी हुई। केन्द्राधीक्षकों ने एक और फोटो कॉपी मंगवाकर दिया। इसके बाद इन परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल कराया गया। दूसरे दिन जिले में 23 केन्द्र पर लगभग 14 हजार परीक्षार्थी आवंटित थे। इसमें एक हजार परीक्षार्थियों की परीक्षा छूटी। विभिन्न केन्द्रों पर 50-100 की संख्या में परीक्षार्थी नहीं पहुंचे।

दो-दो विकल्प ने परीक्षार्थियों को छकाया :

निम्न में से कौन सी जिम्मेदारियां केन्द्र सरकार के अंतर्गत आती हैं। इस सवाल का चार विकल्प और जवाब के तौर पर अभ्यर्थियों से पूछा गया कि कौन सा जवाब सही है ए और सी या बी और ए। इस तरह के जवाब के विकल्प ने अभ्यर्थियों को खूब छकाया। अभ्यर्थी रेशमा, कादंबिनी आदि ने कहा कि एक साथ दो-दो विकल्प ने हमें खूब परेशान किया। गणित के सवाल काफी कठिन रहे। वहीं, विज्ञान में केमेस्ट्री का सवाल परीक्षार्थियों को हलकान करता रहा। काफी घुमावदार सवाल पूछे गए। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि सवालों का स्तर काफी कठिन था।

बच्चों की मनोदशा से संबंधित आए कई सवाल :

सीटेट में बच्चों की मनोदशा पर आधारित कई सवाल पूछे गए जिससे शिक्षकों के देखने-समझने का नजरिया पता चले। एक सवाल पूछा गया कि अगर कोई बच्चा विज्ञान की कक्षा में ठीक से समझ नहीं रहा तो उसे आगे बैठाना कितना ठीक होगा। इसके साथ ही एक सवाल पूछा गया कि बच्चे की प्रगति को लेकर शिक्षकों का अभिभावकों से लगतार मिलना कहां तक उचित है।

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