बाजार समिति में कारोबारी बदहाल, बुनियादी सुविधा-सुरक्षा की गुहार
मुजफ्फरपुर के विकास और समृद्धि में अहियापुर कृषि उत्पादन बाजार समिति की बड़ी भूमिका है। पांच सौ से अधिक थोक व्यवसायी सालाना करीब हजार करोड़ का कारोबार क
मुजफ्फरपुर। अहियापुर कृषि उत्पादन बाजार समिति पांच दशक पुरानी उत्तर बिहार की प्रसिद्ध व्यावसायिक मंडी है। दस हजार परिवार की रोजी-रोटी का जरिया होने के बावजूद यहां की सुरक्षा भगवान भरोसे है। व्यवसायियों के अनुसार बढ़ती आपराधिक घटनाएं और कई अन्य कारणों से कितने व्यवसायी पलायन कर चुके हैं। मंडी जुआरियों और स्मैकियों का अड्डा बन गई है। बाहर से आने वाले ट्रक चालकों का मोबाइल और पैसा छिनतई आम बात हो गई है। यही कारण है कि अब यहां दूसरे जिलों से व्यापारियों का आना काफी कम हो गया है। बताया कि पुलिस यदा-कदा आती है और गश्त की औपचारिकता पूरी कर चली जाती है। व्यवसायियों ने बताया कि बाजार समिति में सैकड़ों लाईट शो पीस बनी हुई है। सात हाई मास्ट लाईट होते हुए भी शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। इससे भी आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। बाजार समिति के व्यवसायियों ने बताया कि दस साल में यहां के पांच कारोबारियों की हत्या हो चुकी है। इनमें खाद्यान्न व्यवसायी पप्पू चौधरी, खाद्यान्न व्यवसायी राजा चौधरी, किराना व्यवसायी पकंज चौधरी, आलू-प्याज व्यवसायी रामू यादव व एक मीनापुर के फल व्यवसायी शामिल हैं। गुहार लगाने के बाद भी पुलिस यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है।
शौचालय बना, मगर पानी नहीं दिया गया
बाजार समिति में पांच सौ से अधिक थोक विक्रेताओं से जुड़कर दस हजार परिवार की जीविका चलती है। एक वर्ष में एक हजार करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। व्यवसायियों के मुताबिक पांच करोड़ से अधिक सरकार को टैक्स देते हैं, मगर यहां सुविधाओं का अभाव है। हाल यह है कि शौचालय बना, मगर पानी नहीं दिया गया। इतना बड़ा बाजार होते हुए भी यूरिनल तक नहीं है। दस हजार लोगों का रोज आना-जाना होता है, बावजूद पीने का पानी तक का अभाव है। पहले प्रत्येक गद्दी में सप्लाई का पानी आता था, मगर उसे अब बंद कर दिया गया है।
बाजार समिति में कचरा निष्पादन नहीं
बाजार समिति में कचरा निष्पादन की व्यवस्था नहीं है। कच्चा सामान खराब हो जाने पर बदबू के कारण चलना मुश्किल हो जाता है। व्यवसायियों ने बताया कि उन्हें अपने खर्च से सफाई करानी पड़ती है। निमार्ण कार्य के कारण पूरे दिन धूल उड़ने से सेहत पर असर पड़ रहा है। आवारा पशुओं का उत्पात भी बड़ी समस्या है। वहीं, मछली कारोबारी सड़क पर आ गए हैं। दो वर्ष पूर्व उनसे पुराना भवन खाली कराया गया, मगर अबतक निमार्ण कार्य शुरू नहीं हुआ। व्यवसायियों ने बताया कि बाजार समिति में दो नाले बनाए गए हैं, जिनका निकास गेट नंबर 1 और 2 तक लाकर छोड़ दिया गया। बरसात में नाले का पानी बस्ती के घरों में चला जाता है। इससे स्थानीय लोगों का आक्रोश हमलोगों को झेलना पड़ता है। फल कारोबारी विनय साह ने बताया कि जब निर्माण शुरू हुआ तो सभी प्लेटफॉर्म को तोड़ दिया गया। उन लोगों से पांच हजार की रसीद भी कटवाई गई, मगर प्लेटफॉर्म नहीं मिला।
बाजार समिति में न बनाया जाए मतगणना स्थल
बाजार समिति का बीते 20 साल से मतगणना स्थल के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसके कारण व्यापार प्रभावित होता है। यहां पर पंचायत चुनाव, विधानसभा और लोकसभा का मतगणना स्थल बनाया जाता है। इस दौरान चार महीने तक व्यवसायियों को अपनी दुकान और गोदाम खाली करना पड़ता है। इतने दिन तक व्यापार चौपट रहने के कारण कारोबारियों को लाखों का नुकसान होता है। कारोबारियों को बैंक लोन, ट्रांसपोर्टिंग आदि से जुड़े काम में भी परेशानी होती है। एक बार जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बेला में मतगणना स्थल बनाया था, मगर बाद में यहां पर फिर से शुरू कर दिया गया। हमलोगों ने जिलाधिकारी से लेकर मंत्री और सरकार तक से अनुरोध किया, मगर वे जगह नहीं बदले। उन चार महीनों में दस हजार मजदूर, पलदार और कर्मचारियों की भी-रोजी रोटी चौपट हो जाती है। मतगणना स्थल बाजार समिति के बदले अन्य जगह बनना चाहिए।
-विजय चौधरी, अध्यक्ष, बाजार समिति व्यवसायी संघ
मार्केटिंग बोर्ड बने तो संवर सकती है बाजार समिति
बाजार समिति का कोई मार्केटिंग बोर्ड नहीं है, जिसके कारण यहां के कारोबारियों की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। अगर बाजार समिति मार्केटिंग बोर्ड का गठन हो जाए तो व्यवसायियों की स्थिति सुधरेगी और व्यापार भी बेहतर हो सकेगा। बाजार समिति में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। इससे दस हजार लोगों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहले से यहां जो सबमर्सिबल था, उसे फिर से चालू किया जाना चाहिए। पहले जितने भी गद्दीदार थे, उनके यहां पानी की सप्लाई नियमित हुआ करती थी। अब नया भवन बन गया और नल भी लग गया है, मगर पानी सप्लाई नहीं शुरू की गई। जितनी भी गद्दी है, उन जगहों पर यूरिनल और शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो।
-पवन कुमार दूबे, संगठन मंत्री, खाद्यान्न व्यवसायी संघ, तिरहुत प्रमंडल
निर्माण कार्य में तेजी लाने का दिया गया है निर्देश
बाजार समिति में जारी निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा गया है, ताकि व्यवसायियों को परेशानी न हो। यहां जलजमाव नहीं हो, इसके लिए तत्काल पानी की सप्लाई पर रोक लगाई गई है। निमार्ण कार्य पूरा होते ही व्यवसायियों को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। व्यवसायियों को पूर्व की आवंटित जगह पर स्थापित कराया जाएगा।
-अमित कुमार, एसडीओ पूर्वी
बेवजह घूमने वाले पकड़ाने पर बता देते हैं मजदूर
व्यवसायियों के साथ पुलिस की कई बार बैठकें हुई हैं, जिनमें सारे मुद्दों पर बात भी हुई है। बाजार समिति में डायल 112 की गाड़ी 24 घंटे रहती है। बैठक में तय हुआ था कि मजदूरों को पहचान पत्र निर्गत हो, क्योंकि पुलिस जब वहां बेवजह घूमने वालों को पकड़ती है तो वे लोग खुद को मजदूर बता देते हैं। बैठक में तय होने के बाद भी व्यवसायियों ने सीसीटीवी नहीं लगाया है।
-रोहन कुमार, इंस्पेक्टर, अहियापुर
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