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कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में आस्था की डुबकी, जलते दीये किए प्रवाहित

मुजफ्फरपुर में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने विभिन्न नदियों में स्नान किया और पूजा-अर्चना की। नारायणी नदी में डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सुरक्षा के लिए पुलिस और गोताखोर तैनात थे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरFri, 15 Nov 2024 08:15 PM
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मुजफ्फरपुर, हिटी। प्रखंड से गुजरने वाली विभिन्न नदियों में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजा-अर्चना की। नदी में जलते दीप को प्रवाहित किया। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सरैया प्रखंड के रेवाघाट स्थित नारायणी नदी में शुक्रवार को डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। गुरुवार देर रात से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। मन्नतें पूरी होने के बाद श्रद्धालु घाट पर बैंड बाजा के साथ पहुंचे थे। एसडीआरएफ के जवान स्वचालित मोटरबोट से लगातार निगरानी करते रहे। गंगा स्नान के बाद काफी श्रद्धालु बाबा कामेश्वर नाथ महादेव मंदिर में बाबा का जलाभिषेक और प्राचीन जंगली माई मंदिर में पूजा-अर्चना की। उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए थे। घाट पर मेला भी लगा था। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस तैनात थी।

पारू प्रखंड से गुजरने वाली नारायणी गंडक नदी में फतेहाबाद, उस्ती, सोहागपुर, धरफरी गांव के घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। हर-हर गंगे से नदी का तट भक्तिमय बना रहा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस और गोताखोरों को तैनात किया गया था।

मोतीपुर प्रखंड के अंजनाकोट गांव स्थित बूढ़ी गंडक नदी के भुड़कुवा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग सुबह से घाट पर पहुंचने लगे थे। प्रदोष काल के समय स्नान कर दीप जलाते हैं। शाम के समय भगवान शिव की पूजा करते हैं। अपर थानाध्यक्ष दिनेश सिंह के नेतृत्व में पुलिसकर्मी तैनात थे।

कटरा में बागमती व लखनदेई नदी के संगम तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। सुबह से ही लोगों को भीड़ उमड़ने लगी थी। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने चामुंडा स्थान में पूजा-अर्चना की।

गहवर में पिंड की गई पुनर्स्थापित

गायघाट। जाया में महारानी स्थान पुनर्स्थापना महायज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार कार्तिक पूर्णिमा पर मां भगवती के पिंड को पूरे विधि-विधान के साथ गहवर में पुनर्स्थापित किया गया। आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन एवं पूजन कराया। ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को शुरू हुए पांच दिवसीय महायज्ञ का रविवार को समापन होगा।

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